‘पत्रिका मास्टर की’- अभियान : विद्यार्थी को स्वयं करना चाहिए मूल्यांकन
Patrika Master Key Campaign : -हर विषय को निश्चित समय देना करें निर्धारित, उसी आधार पर स्वयं का मूल्यांकन करें

पाली। Patrika Master Key Campaign : मन के हारे हार है मन के जीते जीत...यह भाव हर विद्यार्थी को मन में रखना चाहिए। उसे परीक्षा को भय नहीं मानकर आत्मविश्वास से परिपूर्ण होकर प्रश्न पत्र को हल करने के साथ ही अध्ययन करना चाहिए। यदि एक प्रश्न पत्र बेहतर नहीं हुआ तो उसे पीछे छोड़ते हुए अगले प्रश्न पत्र की तैयारी में जुट जाना चाहिए।
अभिभावकों को चाहिए कि वे भी बच्चों की तुलना अन्य बालकों से नहीं करें। उसकी क्षमता को समझकर प्रोत्साहित करें। ऐसा करने से बच्चा बेहतर अंक तो लाएगा ही उसका आत्मविश्वास भी बेहतर होगा। परीक्षा में विद्यार्थी को अध्ययन करने के लिए योजना तैयार करनी चाहिए। यह तय करना चाहिए कि किस विषय को कितना समय देना है। इसका निर्धारण उसे स्वयं का मूल्यांकन करते हुए करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह किस विषय में बेहतर है और किसमें उसे थोड़ी परेशानी है। विद्यार्थी के मन में कठिन व सरल विषय का भाव भी नहीं होना चाहिए। सभी विषय एक जैसे होते है जरूरत उसे समझने की है।
नहीं सोचनी चाहिए नकारात्मक बात
विद्यार्थी को कभी नकारात्मक सोच नहीं रखनी चाहिए। सकारात्मक सोचते हुए एकाग्रता से अध्ययन करना चाहिए। पढ़ते समय ध्यान केवल विषय व सवाल के उत्तर पर रहना चाहिए। आस-पास क्या हो रहा है इस तरफ ध्यान नहीं देना चाहिए। एक समय में विद्यार्थी को एक से दो घंटे लगातार अध्ययन करने के बाद तनाव मुक्त होने के लिए अन्य क्रियाकलाप जैसे खेलना व घर के कार्य करने चाहिए। -मीठालाल जोशी, प्रधानाध्यापक, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नम्बर एक, तखतगढ़
- राष्ट्रपति अवार्ड : वर्ष 2016, राज्यपाल से सम्मानित : वर्ष 2015
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