स्थानीय स्त्रोतों व टैंकर से होगी जलापूर्ति इस बार मानसून की अच्छी बारिश नहीं होने से सुमेरपुर उपखण्ड समेत पाली जिले के अधिकांश तालाब भी सूखे पड़े हैं। आसपास के बांधों में भी पानी की आवक नहीं हुई। शहरों के मुकाबले इस बार गांवों में पेयजल संकट अधिक होने की आशंका है। विभाग के लिए ये भी बड़ी चुनौती है। विभाग ने गांवों में स्थानीय स्रोत के रूप में कुओं से पानी लेने की योजना पर विचार किया है। इसके लिए सर्वाधिक संकट वाले गांवों में टैंकरों के माध्यम से भी पेयजल आपूर्ति करने की व्यवस्था पर काम चल रहा है।
कम प्रेशर के साथ आपूर्ति समय भी घटाया इस बार जवाईबांध में पर्याप्त पानी नहीं होने से सुमेरपुर शहर में पहली बार 72 घंटे के अंतराल से पेयजल आपूर्ति हो रही है। जबकि गत वर्ष 48 घंटे के अंतराल से पेयजल आपूर्ति की गई। पहले एक घंटा पानी आता था। यह अवधि घटाकर आधा से पौन घंटा कर दिया। प्रेशर भी कम होने से अधिकांश लोग पानी से वंचित हो जाते हैं। रही सही कसर बूस्टर लगाकर पानी खिंचने वाले पूरी कर देते हैं।
विभाग अन्य बांधों से पानी लेने की योजना पर कर रहा कार्य आगामी मानसून तक जिलेवासियों की प्यास बुझाना विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। विभागीय सूत्र पेयजल व्यवस्था सुचारू रखने के लिए अन्य बांधों से पानी लेने की योजना पर विचार कर रहा है। यह योजना आगामी माह तक पूरी होने का दावा किया जा रहा है। योजना पर अमल नहीं होने की स्थिति में जिलेभर में पेयजल संकट होने की आशंका है।
अभी यह है बांध की स्थिति
जवाईबांध का जलस्तर शुक्रवार को 13.60 फीट के साथ 914.60 एमसीएफटी दर्ज किया गया। विभाग बांध के 550 एमसीएफटी पानी को डेड स्टोरेज मानता है। इस प्रकार शेष 364.60 एमसीएफटी पानी पीने योग्य बचेगा। अभी बांध से प्रतिदिन 4.3 एमसीएफटी पानी पेयजल के लिए दिया जा रहा है।
अधिकारी ने बताया-
&अभी दो माह तक पेयजल जवाईबांध से लेकर जिलेवासियों की प्यास बुझाएंगे। कंटीजेंसी प्लान जिला स्तर पर स्वीकृत होने के बाद राज्य सरकार को भेजा था। वह भी स्वीकृत हो गया है। डेड स्टोरेज से पानी लेने के बाद स्थानीय स्रोतों से व्यवस्था की जाएगी। आमजन भी संकट के समय पानी की बचत करें। मनीष माथुर, एसई, जलदाय विभाग, पाली
जवाईबांध का जलस्तर शुक्रवार को 13.60 फीट के साथ 914.60 एमसीएफटी दर्ज किया गया। विभाग बांध के 550 एमसीएफटी पानी को डेड स्टोरेज मानता है। इस प्रकार शेष 364.60 एमसीएफटी पानी पीने योग्य बचेगा। अभी बांध से प्रतिदिन 4.3 एमसीएफटी पानी पेयजल के लिए दिया जा रहा है।
अधिकारी ने बताया-
&अभी दो माह तक पेयजल जवाईबांध से लेकर जिलेवासियों की प्यास बुझाएंगे। कंटीजेंसी प्लान जिला स्तर पर स्वीकृत होने के बाद राज्य सरकार को भेजा था। वह भी स्वीकृत हो गया है। डेड स्टोरेज से पानी लेने के बाद स्थानीय स्रोतों से व्यवस्था की जाएगी। आमजन भी संकट के समय पानी की बचत करें। मनीष माथुर, एसई, जलदाय विभाग, पाली