बाणियावास बांध से निकलने वाली नहर से पाइप लाइन को बिछाई जाएगी। जो जाडन के निकट टोल नाके के पास तक आएगी। यहां से सोजत जा रही जवाई पाइप लाइन से उसे जोड़ा जाएगा। जिससे पानी पाली पहुंचेगा। इस नई बिछाई जाने वाली पाइप लाइन को बांध खाली होने पर वापस हटा लिया जाएगा।
किसान चाहते थे एक पाण
संगम की बैठक से पहले किसान एक पाण पानी सिंचाई के लिए चाहते थे। उन्होंने इसका प्रस्ताव भी बैठक में रखा, लेकिन प्रशासनिक व पीएचइडी के अधिकारियों के आग्रह के बाद किसानों ने निर्णय किया कि पूरा पानी ही पेयजल के लिए दे दिया जाए। जिससे जिले के जल संकट को टाला जा सके।
पाली शहर को मिल सकता है चार माह पानी
बाणियावास बांध में अभी 213 एमसीएफटी पानी है। इस पानी का उपयोग केवल पाली शहर में करने पर 96 घंटे के अंतराल से पेयजल आपूर्ति करने पर इसका उपयोग करीब चार माह तक किया जा सकता है। यदि बांध से रोजाना दो एमसीएफटी पानी लिया जाए तो भी करीब 106 दिन तक पानी का उपयोग किया जा सकेगा।
किसानों ने रखी दो मांग
-बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले खेतों में पानी भरा रहने के कारण खेती नहीं हो सकेगी। उन किसानों को मुआवजा दिलाने का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा जाए।
-पेयजल लेने के लिए बांध की नहर से बिछाई जाने वाली पाइप लाइन बांध खाली होने पर वापस हटा ली जाए।