पिछले साल केंद्र सरकार द्वारा बजट जारी किया गया था। जिसमें हरिपुर के इस स्टेशन का जीर्णोद्धार किया गया। नया भवन, नया टिन शेड सहित बड़े स्टेशन की तर्ज पर माकूल सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। लेकिन ट्रेनों के ठहराव की दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया गया। इससे स्टेशन पर सुविधाएं उठाने वाले यात्रियों की कमी आज भी खल रही है। हर किसी की जुबां पर बस यही सवाल है कि जब ठहराव ही नहीं तो ये सुविधा भला किस काम की।
यहां के लोग व्यापर के सिलसिले में गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश सहित अन्य राज्यो में रहते हैं। ये जब भी यहां गांव में आते हैं तो इन्हें दूरदराज के स्टेशनों पर उतरना पड़ता है। जब दुबारा लौटने की बारी आती है तो कई घण्टों पहले घर से निकल उन्हीं दूरदराज के स्टेशनों की दौड़ लगानी पड़ती है।
परिसीमिन के बाद रायपुर उपखण्ड क्षेत्र दो लोकसभा व दो विधानसभा में बंटकर रह गया। पहाड़ी क्षेत्र राजसमंद तो मैदानी पाली लोकसभा क्षेत्र में शामिल कर दिया गया। पाली व राजसमंद के सांसद ने ट्रेनों के ठहराव को ंलेकर कितने प्रयास किए होंगे ये मौजूदा हालात ख़ुद गवाही दे रहे हैं।
रायपुर के विविध संगठनों ने दु्रतगामी ट्रेनों का ठहराव हरिपुर में सुनिश्चित कराने की मांग को लेकर दस सालों में प्रधानमंत्री, रेल मंत्री, सांसद सहित अन्य रेलवे अधिकारियों को भेजे, लेकिन राहत आज तक नहीं मिली।
हरिपुर पर ट्रेनों के ठहराव का मामला मेरी जानकारी में है। मैंने रेल मंत्री को पत्र भेज रखा है। उम्मीद है जल्द ही आदेश हो जाएंगे। जरूरत पड़ी तो मैं मंत्री से मुलाकात कर ठहराव के आदेश जारी करने की मांग करूँगा। -पीपी चौधरी, सांसद, पाली
प्रवासियों की ये सबसे बड़ी समस्या है। मैंने प्रधानमंत्री व रेल मंत्री को पत्र भेज हरिपुर में सभी ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित कराने के आदेश जारी कराने की मांग की है। समय रहते आदेश नहीं हुए तो मैं दिल्ली जाकर रेल मंत्री से मुलाकात कर मांग को दोहराऊंगा। -पेमाराम सीरवी, जिला प्रमुख, पाली