पाली

‘चौकीदार’ ने ही चट कर दिया हमारा ‘खेत’

– लाखोटिया तालाब के घाटों को तो संवारा नहीं, तालाब पाट दिया

पालीSep 24, 2018 / 11:21 am

Suresh Hemnani

‘चौकीदार’ ने ही चट कर दिया हमारा ‘खेत’

पाली। नगर परिषद को जनता ने तालाब का चौकीदार बनाया था, लेकिन इस चौकीदार ने जनता की आंखों में धूल झोंककर तालाब की दुर्गति कर दी। तालाब को एक नहीं तीन भागों में बांट दिया।
इसके बाद भी तृष्णा नहीं मिटी तो यातायात के नाम पर कच्ची सडक़ बनाकर तालाब को चार भागों में बांटा। परिषद की शह पर उसके चहेतों ने भी इस पाळ व तालाब में मलबा डालकर तालाब के एक हिस्से को तो गड्ढे में बदल दिया है। यह सिलसिला अभी तक थमा नहीं है। लोग तालाब में अतिक्रमण भी कर रहे है। यह कहना है शहरवासियों का। जिनमें नगर परिषद की ओर से पाली की 800 साल पुरानी धरोहर को पाटने व रामनगर स्थित घाट पर कच्ची सडक़ बनाने के कारण रोष है।

हमने किया था आन्दोलन
&रामनगर स्थित जिस घाट पर आज कच्ची सडक़ बनी है। उस पर पहले भी कई लोगों ने कब्जा करने का प्रयास किया था। हमने आन्दोलन कर उनको रोका था। इस बार तो शहरी सरकार ने चौकीदारी करते हुए खुद ही कब्जा कर दिया। यह जनता को नहीं चंद लोगों को लाभ देने के लिए किया जा रहा है। –दीपू मांवर, शहरवासी

पाली का गौरव है लाखोटिया
संत चंदन पुरी के तालाब खुदवाने के बाद यह लाखोटिया तालाब पाली का गौरव रहा है। जिसे आज नगर परिषद अपनी हठधर्मिता के कारण पाटने पर तुली है। जो तालाब कभी पूरा एक था, आज उसके तीन हिस्से किए जा चुके हैं। अब सरकार से ऊंचा कौन है। इस कारण शहरी सरकार मनमर्जी कर रही है। -राजकुमार शर्मा, शहरवासी

परिषद धरोहर मिटाने पर तुली
नगर परिषद पाली की धरोहर को मिटाने पर तुली है। मैं इस क्षेत्र में 25 वर्ष से रह रहा हूं। जिस घाट पर स्नान करते थे। वह आज नजर तक नहीं आता है। तालाब को तीन भागों में भी मेरे सामने बांटा गया है। तालाब में सडक़ बनाना न्यायालय के नियमों की अनदेखी है। –संजय सोनी, शहरवासी
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