scriptयहां मरने के बाद भी नहीं मिलता सुकून | The work of the Morchari incomplete in the Bali town of Pali district | Patrika News

यहां मरने के बाद भी नहीं मिलता सुकून

locationपालीPublished: Mar 10, 2019 08:40:58 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

www.patrika.com/rajasthan-news

The work of the Morchari incomplete in the Bali town of Pali district

यहां मरने के बाद भी नहीं मिलता सुकून

चन्द्रशेखर अग्रवाल
बाली। कहते है कि मरने के बाद इंसान के पास सुकून ही सुकून है। पर यहां के हालात कुछ अलग ही हैं। यहां माटी की ऐसी बेकद्री होती है कि देखने वाला भी सहमकर रह जाता है। हम बात कर रहे हैं, पाली जिले के बाली की मोर्चरी की। यहां आधुनिक मोर्चरी का सपना संजोने वाले विधायक पुष्पेन्द्रङ्क्षसह राणावत के प्रयासों के बाद भी भवन, उपकरण, विद्युत कनेक्शन सहित तमाम सुविधाओं के बाद आज भी अधूरा है मोर्चरी का कार्य। कभी विद्युत कनेक्शन नहीं था, लेकिन अब उपकरण स्थापित नहीं हो रहे।
नगर में आधुनिक मोर्चरी के लिए भवन निर्माण, राज्य सरकार के चिकित्सा विभाग के नक्शे के अनुसार नगरपालिका अध्यक्ष लकमाराम चौधरी ने निर्माण करवाकर चिकित्सा विभाग को सुपुर्द किया। तब राज्य सरकार से 6 शव रखने के लिए आधुनिक डी-फ्रिज जयपुर से बाली पहुंच गए। उपकरण देने वाली कम्पनी ने दो वर्ष तक भवन व उपकरणों का अवलोकन तक नहीं किया। सिर्फ विद्युत कनेक्शन का अभाव बताकर उपकरणों की स्थापना नहीं की। तत्कालीन ऊर्जा व विधि राज्य मंत्री व स्थानीय विधायक पुष्पेन्द्रङ्क्षसह राणावत ने चिकित्सा विभाग से बाली में आधुनिक मोर्चरी को तुरन्त उपकरणों के साथ शुरू करने के प्रयास किए।
नगरपालिका अध्यक्ष ने खड़े रहकर विद्युत कनेक्शन करवाया। पर दो वर्षों से ल िबत कार्य चुनाव आचार संहिता की भेंट चढ़ गया। सर्र्वे टीम जो दो वर्षों से विद्युत कनेक्शन का अभाव बता रही थी। उसने मोर्चरी के भवन को तकनीकी रूप से सही नहीं मानकर चिकित्सा विभाग को पत्र लिखा है। नगर में प्रवासियों व जरूरतमंदों के लिए उपयोगी होने वाली वातानुकूलित मोर्चरी पर आज भी ताला लगा हुआ है। आम जनता सुविधा से वंचित है और उपकरण धूल फांक रहे हैं।
इनका कहना है…
-बाली मोर्चरी में 6 डी-फ्रिज एनआरएचएम की तरफ से स्थापित होने थे, लेकिन तकनीकी खामी के चलते एनआरएचएम को नया प्रोजेक्ट बना कर भेजा गया है। स्वीकृत होते ही मोर्चरी प्रारंभ हो पाएगी। -डॉ. भास्कर बिश्नोई, उपखण्ड अधिकारी, बाली
-जयपुर से आई टीम ने भवन को तकनीकी रूप से सही नहीं माना है, जबकि भवन का निर्माण चिकित्सा विभाग के मापदण्डों के अनुरूप किया गया है। इस मामलेें को लेकर फिर पत्र लिखा गया है। -डॉ. एम.ए. कादरी, प्रभारी, चिकित्सा अधिकारी, राजकीय रैफरल चिकित्सालय, बाली
-नगरपालिका ने चिकित्सा विभाग के नक्शे के अनुसार कार्य करवाया। फिर भी कोई बदलाव करवाना हैं तो नगरपालिका करवाने के लिए तैयार है। लेकिन मोर्चरी शीघ्र शुरू होनी चाहिए। -लकमाराम चौधरी, नगरपालिका अध्यक्ष, बाली
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो