पीडि़त मानव की सेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं : जैन आचार्य
– शिविर स्थल पर हुआ आचार्य चिदानंद मसा. का स्वागत- पत्रिका रहा मीडिया पार्टनर
एेसा कार्य किया जिसकी हर कोई कर रहा सराहना
बाली. जैन आचार्य चिदानंद मसा. ने कहा कि शिक्षा और चिकित्सा एक मंदिर है। इस क्षेत्र में जितना भी कर्म किया जाएगा वह फलदायी होगा। जीवन में पीडि़त मानव की सेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं है। पीडि़त मानव की सेवा कर अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए समाजसेवियों को आगे आना चाहिए। वे बाली में बाली यंगस्टर्स एसोसिएशन मुम्बई के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय शिविर के शुभारंभ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने जैन समाज के प्रबुद्ध लोगों से समाज के विकास के लिए कार्य करने, बच्चों को संस्कारवान बनाने पर बल देने को कहा। इस दौरान पारसमल गोलेच्छा, डॉ. प्रकाशचंद गोलेच्छा, भैरव नेत्र यज्ञ समिति के अध्यक्ष जीवराज कटारिया, बाली यंगस्टर्स एसोसिएशन मुम्बई के सदस्यों ने श्रीविमलनाथ जैन संघ व ओसवाल जैन संघ बाली के सान्निध्य में उनका सामैया किया। इस दौरान एसोसिएशन के संस्थापक हसमुख आर. संघवी, मुम्बई संस्था अध्यक्ष प्रकाश सिंघवी, शिविर संयोजक प्रकाश एस. बिरावत, जीवन एस. जैन, शिविर निदेशक मदन सिंघवी, जैन ओसवाल संघ बाली के अध्यक्ष बाबूलाल मंडलेचा, पोरवाल जैन संघ बाली के अध्यक्ष विमलचंद जैन, वरिष्ठ अधिवक्ता बाली इन्दरराज भण्डारी, हसमुख कपूरचंद, किरणकुमार संघवी, नरेन्द्रकुमार जैन, किरण चन्द्रप्रकाश सहित जैन संघ के सदस्य व श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे। पूजा-अर्चना कर की शुरूआत
दो दिवसीय चिकित्सा शिविर का शुभारंभ जैन आचार्य चिदानंद मसा, भोलेबाबा जयानंद मसा. की निश्रा, पारसमल गोलेच्छा भूतपूर्व अध्यक्ष हिन्दूस्तान चैम्बस ऑफ कॉमर्स के मुख्य आतिथ्य, ब्रिगेडियर केएस. चौहान, विमलचंद एम. जैन, जीवराज कटारिया, हसमुख सिंघवी सहित अतिथियों व बीवाईए के सदस्यों के सान्निध्य में पूजा अर्चना के साथ किया गया।