तहसीलदार सुरेन्द्रकुमार ने बताया कि झीतड़ा, तहसील रोहट की कूपाजी महाराज गोशाला से चराने के लिए यहां गायों को कराड़ी गांव के पास रखा गया था। पिछले दो माह में यहां तीस गायों की मौत हो गई। मंगलवार को सूचना पर थानाधिकारी गोपाल विश्नोई व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। मौके पर सात गायों के शव मिले। गोशाला संचालक राजेन्द्र कुमार को बुलाया गया और जानकारी ली गई। पाली से पशुपालन विभाग की टीम को बुलाया गया। गायों के शव पुराने होने के कारण पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। गायों के मरने का कारण भी स्पष्ट नहीं हो पाया। बीमार गायों का उपचार करवाया गया। संचालक को पाबंद करके गायों को पुन: गोशाला ले जाने के निर्देश दिए गए। तहसीलदार कुमार ने पटवारी व ग्राम विकास अधिकारी को इस मामले की जांच करने के निर्देश दिए।
गांवों में फैली सनसनी लगातार हो रही गायों की मौत से कराड़ी सहित आस-पास के गांवों में सनसनी फैली गई। सूचना पर ग्रामीण मौके पर एकत्रित होते गए। इन्होंने कहा… गायों के शव पांच से सात दिन पुराने होने के कारण उनके अंगों को जंगली जानवरों द्वारा खा लिया गया। बाकी गायों के सिर्फ कंकाल पड़े थे। इसके कारण उनका पोस्टमार्टम हो नहीं पाया। बीमार गायों का उपचार किया गया है।
डॉ. इन्द्रप्रकाश वागोरिया, पशु चिकित्सक, मारवाड़ जंक्शन