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राजस्थान के इस संभाग मुख्यालय को अब मिनी सचिवालय की जरूरत

locationपालीPublished: Jun 10, 2023 11:39:50 am

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rajendra denok

यहां मिनी सचिवालय की दरकार है। एक ऐसा भवन, जहां सभी सरकारी दफ्तर एक ही छत के नीचे हों। ताकि, आमजन को दफ्तर-दर-दफ्तर चक्कर काटने न पड़े। वर्तमान में आमजन की जरूरत वाले सरकारी कार्यालयों के बीच काफी दूरियां है।

राजस्थान के इस संभाग मुख्यालय को अब मिनी सचिवालय की जरूरत

राजस्थान के इस संभाग मुख्यालय को अब मिनी सचिवालय की जरूरत

राजेन्द्रसिंह देणोक

प्रशासनिक ढांचे में पाली को संभाग का दर्जा हासिल हो चुका है। यहां जल्द ही संभागीय आयुक्त की नियुक्ति संभव है। सरकार के स्तर पर इसकी कवायद चल रही है। प्रशासनिक दृष्टिकोण से पाली का कद बढ़ने के बाद अब यहां मिनी सचिवालय की दरकार है। एक ऐसा भवन, जहां सभी सरकारी दफ्तर एक ही छत के नीचे हों। ताकि, आमजन को दफ्तर-दर-दफ्तर चक्कर काटने न पड़े। वर्तमान में आमजन की जरूरत वाले सरकारी कार्यालयों के बीच काफी दूरियां है। राज्य सरकार ने कुछ साल पहले मिनी सचिवालय जैसी दूरदृष्टी योजना का शुभारंभ किया था। प्रदेश के 12 जिलों में मिनी सचिवालय बनने प्रस्तावित है।

यों समझें… क्यों है जरूरत
-शिक्षा विभाग के कुल पांच ऑफिस अलग-अलग जगह संचालित है। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मंडिया रोड पर है। जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक का ऑफिस महावीर नगर, संयुक्त निदेशक आदर्श नगर, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पंचायत समिति के पास है। समग्र शिक्षा नया गांव है। कलक्ट्रेट की सभी ऑफिस दो से पांच किलोमीटर दूरी तक है।
-सीएमएचओ और आरटीओ ऑफिस जोधपुर रोड पर है। कलक्ट्रेट की इनकी दूरी करीब छह किलाेमीटर है।
-पशुपालन विभाग विभाग का ऑफिस पुराना बस स्टैंड पर बना है।
-डिस्कॉम, श्रम और रीको कार्यालय औद्योगिक क्षेत्र बांगड़ स्टेडियम के निकट है। यह कलक्ट्रेट से करीब पांच से छह किलोमीटर की दूरी पर है।
-पंजीयन कार्यालय प्रथम जोधपुर रोड पुराना आरटीओ ऑफिस में संचालित है, जबकि द्वितीय सीएमएचओ ऑफिस के निकट है। दोनों ऑफिस काफी दूरी पर है।
-सार्वजनिक निर्माण, प्रदूषण नियंत्रण मंडल, जिला उद्योग केन्द्र, कृषि, सिंचाई, पशुपालन, पीएचईडी, मत्स्य, सहकारिता समेत कई ऑफिस अलग-अलग संचालित है।

यें होंगे फायदे
-सभी सरकारी कार्यालय एक ही जगह संचालित होने से आमजन को सुविधा रहेगी।
-हर विभाग पर मॉनिटरिंग आसानी से हो सकेगी।
-कलक्ट्रेट में होने वाली बैठकों में शामिल होने के लिए अधिकारियों के समय और वाहनों के फ्यूल की बचत होगी।
-कॉपोZरेट वर्क कल्चर विकसित किया जा सकेगा।
-मिनी सचिवालय में बनने वाले सरकारी कार्यालयों को वर्तमान की जरूरत के अनुसार सुविधाजनक बनाया जा सकेगा।
-पार्किंग की व्यवस्था की जा सकेगी।

वर्तमान कलक्ट्रेट में बन सकता है मिनी सचिवालय
वर्तमान कलक्ट्रेट में मिनी सचिवालय बनाया जा सकता है। यहां पर्याप्त जगह है। पीछे बनीं जेल भी शहर से बाहर शिफ्ट होगी। यहां पार्किंग के लिए भी पर्याप्त जगह मिल सकेगी। यहां शिफ्ट किए जाने वाले कार्यालय लीज पर दिए जा सकते हैं। इससे सरकार को अतिरिक्त आय होगी। कार्यालयों को बेचकर भी राजस्व जुटाया जा सकता है। इससे सरकार को वित्तीय भार भी नहीं पड़ेगा।

अलवर में मिनी सचिवालय शुरू, कई जगह काम चल रहा
-अलवर में मिनी सचिवालय का शुभारंभ कर दिया गया। इस भवन से कई भवन संचालित होंगे।
-गंगानगर में पुरानी शुगर मिल जमीन इसके लिए चिह्नित हो चुकी है। यहां मिनी सचिवालय और डीजे कोर्ट के लिए तीन मंजिला बिल्डिंग बनेगी।
-सीकर में डीपीआर बनाने का काम तेजी से चल रहा है। जमीन आवंटन लगभग हो चुका। कलक्ट्रेट की जमीन नीलाम कर सांवली रोड पर मिनी सचिवालय का निर्माण प्रस्तावित है।

12 जिलों में प्रस्तावित
जिलों में मिनी सचिवालय बनाने की योजना के तहत सरकार ने पहले चरण में 12 जिलों को चुना था। इसमें जयपुर, गंगानगर, अलवर, सीकर, प्रतापगढ़, जैसलमेर, सिरोही, जोधपुर, बांसवाड़ा, चूरू, टोंक और धौलपुर शामिल हैं। यहां मिनी सचिवालय बनाकर जिला स्तर के सभी दफ्तर उनमें शिफ्ट किया जाना प्रस्तावित है।

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