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तीन माह बाद जिले के 422 गांव रहेंगे प्यासे, जलस्रोतों में लगातार घट रही पानी की आवक

locationपालीPublished: Sep 18, 2018 10:47:32 am

Submitted by:

Suresh Hemnani

-जिले के तीन बांध दिसम्बर के बाद नहीं बुझा सकेंगे प्यास-जिले के 422 गांव भूजल पर है निर्भर

Three months later, 422 villages of the district will remain thirsty

तीन माह बाद जिले के 422 गांव रहेंगे प्यासे, जलस्रोतों में लगातार घट रही पानी की आवक

राजीव दवे
पाली। इन्द्र की मेहर इस बार जिले पर नहीं हुई। श्रावण के बाद भाद्रपद भी सूखा ही गुजर रहा है। जलस्रोतों में पानी लगातार घट रहा है। हालात यह है कि जवाई को छोडकऱ पेयजल के लिए उपयोग में आ रहे अन्य तीन बांधों में अब महज तीन माह का पानी शेष रह गया है। उसके बाद जनवरी से जुलाई 2019 में बरसात आने तक लोगों को बूंद-बूंद सहेज कर ही प्यास बुझानी पड़ेगी।
पाली जिले में 1017 गांव है। इनमें से 550 गांव पश्चिमी राजस्थान के मरु सागर जवाई बांध पर निर्भर है। जबकि शेष 45 गांव तीन बांधों पर प्रत्यक्ष रूप से निर्भर है। ये तीन बांध है रायपुर लुणी, कंटालिया व गजनेई। जिनमें अब दिस बर-जनवरी तक का पानी ही शेष रह गया है। इसके अलावा कई ऐसे गांव है जिनमें भूजल से जलापूर्ति होती है। जो इन बांधों की वजह से रिचार्ज होते है। ऐसे में जनवरी से जुलाई तक रायपुर लुणी, कंटालिया व गजनई बांध से जुड़े गांवों में जल संकट गहरा जाएगा।
इतना पानी रह गया शेष
जवाई बांध में अभी तक करीब अप्रेल तक का पानी शेष है। जबकि रायपुर लुणी में 40 सेंट पानी है। जो दिसम्बर-जनवरी तक ही प्यास बुझा सकता है। इसी तरह कंटालिया बांध से 10 गांवों में जलापूर्ति की जाती है और इसमें सिर्फ 2.5 मीटर पानी शेष रह गया है। गजनई बांध से 19 गांवों की प्यास बुझाई जाती है और इसमें 3.90 मीटर पानी शेष रह गया है। जो दिसम्बर व जनवरी तक ही उपयोग में आ सकेगा।
भू-जल पर निर्भर गांवों में भी संकट के बादल
जिले में भू-जल पर निर्भर गांवों की संख्या 422 है। ये भू-जल स्रोतों (ट्यूबवेल, कुएं आदि) भी बांधों व नदियों में पानी की आवक होने पर ही रिचार्ज होते है। जो इस बार इन्द्र की बेरुखी के कारण रिचार्ज नहीं हो सके है। ऐसे में भू-जल पर निर्भर गांवोंं में भी पानी के त्राहि-त्राहि मच सकती है।
इन क्षेत्रों के गांव अधिक
जिन गांवों में पेयजल संकट गहरा सकता है। इनमें पांच क्षेत्र के गांव अधिक है। इनमें जैतारण, रायपुर, सोजत, बाली और मारवाड़ जंक्शन के गांवों की संख्या सबसे अधिक है।
इतने गांव बांधों पर निर्भर
16 गांव रायपुर लुणी बांध पर
10 गांव कंटालिया बांध पर
19 गांव गजनेई बांध पर
550 गांव जवाई बांध
107 गांव है जिले में

बांधों में पानी की कमी है। इसे लेकर जलापूर्ति के लिए नया प्लान बनाया है। इसके तहत जरूरत पडऩे पर नए कुएं व ट्यूबवेल खुदवाकर जलापूर्ति की जाएगी। इसके अलावा जरूरत पडऩे पर कुछ गांवों में टैंकरों के माध्यम से भी जलापूर्ति की व्यवस्था करेंगे। पानी के लिए किसी को परेशानी नहीं होने देंगे। -नीरज माथुर, अधीक्षण अभियंता, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, पाली

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