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कुंभलगढ़ वन्य जीव अभयारण्य में जल्द सुनाई देगी बाघ की दहाड़!

– टाइगर पुनर्वास को लेकर वन संरक्षक सिंह ने कुंभलगढ़ अभयारण्य का जायजा लिया
– नए ट्रेक का विकास व बारिश से खस्ताहाल वनपथ का होगा सुधार

पालीOct 11, 2019 / 10:44 am

Rajendra Singh Rathore

कुंभलगढ़ वन्य जीव अभयारण्य में जल्द सुनाई देगी बाघ की दहाड़!


सादड़ी। कुंभलगढ़ अभयारण्य में मुकुन्दरा हिल्स टाइगर प्रोजेक्ट की तर्ज पर जल्द विकसित होगा कुंभलगढ़ टाइगर प्रोजेक्ट। इसके लिए उदयपुर के मुख्य वनसंरक्षक आरके सिंह ने वन विभाग के निर्देश पर इसकी तैयारियां शुरू कर दी है। सिंह ने कुंभलगढ़ के अरण्य क्षेत्र का दौरा कर प्रस्तावित स्थलों के प्रकृति-पर्यावरण, खाद्यान्न-पानी की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। सिंह ने बताया कि परिस्थितियां अनुकूल रही तो बहुत जल्द ही कुंभलगढ़ में टाइगर की दहाड़ सुनाई दे सकती है।
कुंभलगढ़ व रावली टॉडगढ़ अरण्य घने हैं और यहां वन्यजीवों की बहुतायत हैं। रणथंभोर राष्ट्रीय उद्यान के सीमित दायरे में बढ़ती बाघों की संख्या को देखते हुए कुछ नर-मादा बाघों का यहा पुनर्वास किया जा सकता है। इससे यहां के पर्यटन व्यवसाय को तो बढ़ावा मिलेगी ही रोजगार की संभावनाएं भी विकसित होंगी। कुंभलगढ़ अरण्य में पांच दशक पूर्व बाघ बहुतायत में थे। सिंह ने बताया कि बाघ पुनर्वास के लिए प्रीबेस व हैबीटाट विकास को लेकर पहले तैयारी करनी पड़ेगी। इसके लिए विभागीय कार्मिकों को मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं। सिंह ने डीएफओ राजसमंद फतेहसिंह राठौड़ के साथ कुंभलगढ़ दुर्ग के समीप स्थित आरेट सफारी वनपथ से रवाना होकर ठण्डी बेरी देसूरी रेस्ट हाउस पहुंचे। यहां अल्प विश्राम के बाद वे ठण्डीबेरी, जोबा, माण्डीगढ़ व राजपुरा होते हुए मुछाला महावीर-राणकपुर सफारी वन पथ से राणकपुर पहुंचे। सादड़ी के सहायक वन संरक्षक यादवेन्द्रसिंह चूण्डावत, भंवरसिंह चौहान, वनअधिकारी किशनसिंह राणावत समेत वनकर्मियों ने राजस्थानी परंपरा के अनुसार मुख्य वनसंरक्षक सिंह का स्वागत किया। राणकपुर पेढ़ी पर सहायक प्रबन्धक जसराज माली ने माल्यार्पण कर स्वागत किया।
नए ट्रेक का विकास व बारिश से खस्ताहाल वनपथ का होगा सुधार

कुंभलगढ़ अरण्य सफारी वन क्षेत्र में इस बार सर्वाधिक बारिश हुई है। इससे वन पथ खस्ताहाल हो चुके हैं। इनके सुधार का भरोसा दिलाते हुए वन संरक्षक सिंह ने नए सफारी वन पथ तैयार करवाने की बात कही। ताकि विभागीय राजस्व आय में इजाफा हो सके। उन्होंने दो सफारी वन पथ से दोगुना राजस्व प्राप्त करने एवं पर्यटकों की संख्या बढऩे पर संतोष जताया। उन्होने तीर्थंकर ट्रेल सहित सफारी वनपथ विकास का भरोसा दिलाया।

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