scriptअनदेखी का नजारा… कबाड़ हो गईं दिव्यांगों को आवंटित व्हीलचेयर व ट्राइसाइकिलें | Tricycle and Wheelchair Junk in Pali | Patrika News

अनदेखी का नजारा… कबाड़ हो गईं दिव्यांगों को आवंटित व्हीलचेयर व ट्राइसाइकिलें

locationपालीPublished: Jan 29, 2020 10:34:14 am

Submitted by:

dinesh

व्यवस्था की संवेहनहीनता का उदाहरण इससे बड़ा और क्या हो सकता है। केन्द्र के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से एक साल पूर्व दिव्यांगों को आवंटित ट्राइसाइकिलें ( Tricycle ) और व्हीलचेयर ( Wheelchair ) कबाड़ की भेंट चढ़ गई हैं। दिव्यांग एक साल से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के दफ्तर पर चक्कर काट रहे हैं, फिर भी अधिकारियों का दिल नहीं पसीज रहा…

tricycle.jpg
राजेन्द्रसिंह देणोक/शेखर राठौड़

पाली। व्यवस्था की संवेहनहीनता का उदाहरण इससे बड़ा और क्या हो सकता है। केन्द्र के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से एक साल पूर्व दिव्यांगों को आवंटित ट्राइसाइकिलें ( Tricycle ) और व्हीलचेयर ( Wheelchair ) कबाड़ की भेंट चढ़ गई हैं। दिव्यांग एक साल से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के दफ्तर पर चक्कर काट रहे हैं, फिर भी अधिकारियों का दिल नहीं पसीज रहा। तत्कालीन कानून मंत्री पीपी चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित शिविर में दिव्यांगों को ट्राइसाइकिलें और व्हीलचेयर घर पहुंचाने का वादा किया गया था। ये उपकरण पिछले एक साल से शहर के एक सूने भवन में जंग खा रहे हैं।
500 से ज्यादा साइकिलों का नहीं कोई धणी-धोरी
शहर के एक भवन में पांच सौ से ज्यादा उपकरण खुले में पड़े हैं। बारिश, सर्दी, गर्मी में खुले पड़े उपकरण अब कबाड़ की स्थिति में पहुंच गए हैं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के तत्वावधान में 28 फरवरी 2019 को बांगड़ महाविद्यालय के मैदान में सामाजिक अधिकारिता शिविर का आयोजन किया गया था। शिविर में चिह्नित दिव्यांगों को विभिन्न उपकरण आवंटित किए थे।
केन्द्रीय मंत्री बोले – प्रशासन लापरवाह
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत का कहना है कि इसमें जिला प्रशासन और स्थानीय विभाग के अधिकारियों की लापरवाही रही है। उन्हें उपकरण दिव्यांगों तक पहुंचाने चाहिए थे। किसी भी दिव्यांग को खराब उपकरण नहीं दिया जाएगा।
सांसद बोले – मुझे जानकारी नहीं
पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं मौजूदा सांसद पीपी चौधरी का कहना है कि उपकरण दिव्यांगों तक पहुंचे या नहीं, यह उनकी जानकारी में नहीं है। चौधरी का कहना है कि स्थानीय विभाग और जिला प्रशासन को उन्होंने पैसा दे दिया था। लाभार्थी तक उपकरण पहुंचाना उनकी जिम्मेदारी है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो