scriptअजब-गजब : सोशल मीडिया ग्रुप में मैसेज आया : बिजली के बिल टेंट की दुकान से ले लें… जानिए पूरी खबर | Viral message on social media group of electricity bills in Pali | Patrika News

अजब-गजब : सोशल मीडिया ग्रुप में मैसेज आया : बिजली के बिल टेंट की दुकान से ले लें… जानिए पूरी खबर

locationपालीPublished: Jan 21, 2020 02:26:21 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

– उपभोक्ताओं तक बिल पहुंचाने की बजाय गांव की दुकानों पर पटक रहे बिल
Viral message on social media group of electricity bills in Pali : – डिस्कॉम से ठेकेदार वसूल रहे घर-घर बिल बांटने की राशि- गांव में सोशल मीडिया ग्रुप पर डाल देते हैं सूचना

अजब-गजब : सोशल मीडिया ग्रुप में मैसेज आया : बिजली के बिल टेंट की दुकान से ले लें... जानिए पूरी खबर

अजब-गजब : सोशल मीडिया ग्रुप में मैसेज आया : बिजली के बिल टेंट की दुकान से ले लें… जानिए पूरी खबर

पाली/रायपुर मारवाड़। शीर्षक पढकर चौंकिएगा नहीं, ये डिस्कॉम के अधिकृत ठेकेदारों की मनमर्जी का सच है। डिस्कॉम महकमा बिल वितरण के लिए ठेकेदारों को हर माह हजारों रुपए की राशि चुका रहा है। ये राशि बिजली के बिल दर्शा रखे उपभोक्ता के पते यानी दुकान व मकान तक पहुंचाने के लिए दी जाती है। जबकि हकीकत ये है कि वे ठेकेदार बिजली के बिलों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की बजाय गांव की चुनिंदा दुकान पर पटक जाते हैं। जहां उपभोक्ताओं को स्वयं जाकर अपने नाम का बिल तलाश करना पड़ता है।
दरअसल, डिस्कॉम महकमे द्वारा कस्बों व गांवों में बिल वितरण के लिए वितरण करने वाले ठेकेदार को प्रति बिल के हिसाब से राशि दी जाती है। कस्बे में प्रति बिल वितरण का दो रुपए दस पैसे जबकि गांवों में प्रति बिल वितरण के एक रुपए सत्तर पैसे दिए जाते हैं। हर वर्ष मार्च माह के अंत में डिस्कॉम द्वारा टेंडर जारी कर बिल वितरण का कार्य ठेकेदार को दिया जाता है। डिस्कॉम महकमे के जिम्मेदार बिल वितरण व्यवस्था को लेकर मॉनिटरिंग के प्रति गंभीर नहीं हैं। यही वजह है कि ठेकेदार उपभोक्ताओं तक बिल पहुंचाने की बजाय गांव की एक चुनिंदा दुकान पर बिल पटकते आ रहे हैं। ये हालात मैदानी सहित पहाड़ी क्षेत्र के गांवों में भी देखने केा मिल रहे हैं।
सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर रहे वायरल
झाला की चौकी के एक सोशल मीडिया ग्रुप में इन दिनों मैसेज वायरल हो रहा है। जिसमें बिजली के बिल गांव की टेंट हाउस दुकान पर रखे होने की सूचना दे कर बिल इसी दुकान पर जाकर प्राप्त करने की हिदायत दी जा रही है। पत्रिका के पास ये पोस्ट सुरक्षित है। इस पोस्ट का ग्रुप के कुछ सदस्यों ने ओके का रिप्लाई भी दिया है। इस तरह के मैसेज अन्य गांवों के सोशल मीडिया ग्रुप में भी सम्बंधित बिल वितरकों द्वारा डाला जा रहा है। बावजूद इसके जिम्मेदारो ने आंखें मूंद रखी हैं।
विलम्ब शुल्क का झटका
डिस्कॉम द्वारा बिल जारी करने के बाद उपभेाक्ताओं को उसे अदा करने के लिए सात से दस दिन का समय दिया जाता है। उपभोक्ताओं के पास समय पर बिल नहीं पहुंच पाने से उन्हें विलम्ब शुल्क के रूप में झटका लगता है। ये नुकसान बिल वितरक ठेकेदारों की मनमर्जी से होता आ रहा है।
करेंगे कार्रवाई
हम इस पूरे मामले की जांच करेंगे। जिन गांवों में बिल उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचा दुकानों पर ही रखे जा रहे हैं वहां के ठेकेदार का भुगतान रोकने के साथ ही भुगतान में कटौती की जाएगी। साथ ही ठेकेदार के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाएंगे। –एमके. मीणा, एक्सइएन, डिस्कॉम, जैतारण।
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