scriptपिछले साल सावन में छलका, इस बार नहीं हुई आवक, दस फीट पानी की दरकार | Waiting for water in Luni Dam of Raipur area of Pali district | Patrika News

पिछले साल सावन में छलका, इस बार नहीं हुई आवक, दस फीट पानी की दरकार

locationपालीPublished: Aug 14, 2020 11:51:12 am

Submitted by:

Suresh Hemnani

– पाली जिले के रायपुर क्षेत्र के प्रमुख लूनी बांध में आवक का इंतजार- दो दर्जन गांवों के किसान देख रहे अच्छी बारिश की राह

पिछले साल सावन में छलका, इस बार नहीं हुई आवक, दस फीट पानी की दरकार

पिछले साल सावन में छलका, इस बार नहीं हुई आवक, दस फीट पानी की दरकार

-श्याम शर्मा
पाली/रायपुर मारवाड़। जिले के रायपुर उपखंड क्षेत्र के प्रमुख लूनी बांध में इस बार पूरा सावन बीत गया, लेकिन आवक एक फीट भी नहीं हुई है। आज भी बांध को छलकने के लिए दस फीट पानी की आवक की दरकार है। जबकि पिछले साल मानसून की इस कदर मेहरबानी रही कि आधा सावन यानी 29जुलाई को ही बांध ओवरफ्लो हो गया था और चादर चल पड़ी थी। ये चादर साढे तीन माह तक निरंतर चली थी। जिससे कुओं का जलस्तर मुहाने तक बढ गया था।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस बाद सावन महिने में कई बार बारिश तो हुई लेकिन कैचमेंट एरिया में अच्छी बारिश नहीं हुई। जिससे बांध की आवक बढाने वाली नदियां सूुखी ही रही। जो नदियां चल पड़ी थी उनका पानी बांध तक पहुंचने से पहले ही सूख गया।
बांध पर एक नजर
उपखण्ड़ मुख्यालय से छह किलोमीटर दूर दीपावास गांव से सटे लूनी बांध की भराव क्षमता 325.56 एमसीएफटी है। गेट के नीचे छह फीट पानी रहता है। जबकि बांध को छलकने के लिए गेज से 13.30 फीट आवक की जरूरत होती है। बांध का 140 एमसीएफटी पानी जलदाय विभाग को जलापूर्ति के लिए दिया जाता है। जो 18 गांवों में सप्लाई किया जाता है। वर्तमान में बांध में गेज पर 3.20 फीट पानी है। जलदाय विभाग को अब 95 एमसीएफटी पानी दिया जा चुका है।
ये बांध भी रह गए प्यासे
क्षेत्र में सिंचाई विभाग के अधीन लूनी बांध सहित कुल तीन बांध हैं। उनमें गिरी नंदा बांध व बाबरा बांध शामिल है। इस बार सावन के महिने में गिरी नंदा बांध में ढाई फीट पानी की आवक हुई। जबकि बाबरा बांध प्यासा ही रह गया। इस तरह तीनों बांध में आज भी आवक की दरकार है।
किसान कर रहे जतन
लूनी बांध के छलकने के बाद ही नदियों के जरिए बांध का पानी आगे पहुंचता है। तब कहीं जाकर किसानों के कुंए रिचार्ज हो पाते हैं। इस बांध के छलकने का इंतजार रायपुर ही नहीं बल्कि दो दर्जन से भी अधिक गांवों के लोग कर रहे हैं। किसानों ने कुछ दिनों पहले इसी बांध की पाल पर जाकर हवन कर इन्द्रदेव को रिझाने का जतन किया था।
बांध रह गए प्यास
लूनी बांध में पूरे सावन में आवक नहीं हुई। कैचमेंट एरिया में अब तक अच्छी बारिश नहीं हुई है। जबकि पिछले साल तो आधा सावन बीतने पर ही बांध छलक गया था। लूनी बांध को छलकने में अभी दस फीट पानी की दरकार है। हमारे पास अब जलदाय विभाग को देने के लिए 45 एमसीएफटी पानी ही बचा है। –आरके. पुरोहित, एइएन, सिंचाई विभाग, रायपुर
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