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Panch-sarpanch election 2020 : वर्चस्व कायम रखने को लगा रहे जीत की गणित

locationपालीPublished: Sep 19, 2020 09:30:18 am

Submitted by:

Suresh Hemnani

– देव स्थलों पर रात के अंधेरे में हो रही सियासत- मंदिरों में श्रद्वालुओं की बजाय प्रत्याशियों की भीड़ अधिक

Panch-sarpanch election 2020 : वर्चस्व कायम रखने को लगा रहे जीत की गणित

Panch-sarpanch election 2020 : वर्चस्व कायम रखने को लगा रहे जीत की गणित

पाली/रायपुर मारवाड़। Panchayati Raj Election 2020 : गांवों में चुनावी माहौल परवान पर चढऩे लगा है। सरपंच का चुनाव ग्रामीण इलाकों में काफी अहम होता है। लोकतंत्र में सभी को स्वतंत्र रूप से मतदान करने की आजादी है, लेकिन समाज विशेष के बाहुल्य वाले कई गांवों में रात के अंधेरे में पंचों की पंचायती जोरों पर चल रही है।
समाज का वर्चस्व कायम रखने के लिए जीत की गणित बिठाई जा रही है। समाज के पंच तय करते हैं कि इस बार गांव की सरकार की कमान समाज के किस व्यक्ति को सौंपी जानी है।क्षेत्र की 40 ग्राम पंचायतों में दस दिन बाद 28 सिंतबर को गांव की नई सरकार बनने जा रही है। जो प्रत्याशी पिछले एक साल से मतदाताओं को रिझाने का जतन करता आ रहा था अब वह अधिक सक्रिय होकर दौड़ लगा रहा है। गांवों में चार से पांच प्रत्याशी सरपंच की दौड़ में है तो वार्डपंचो में ये आकड़ा कहीं दुगुना हो चुका है। ऐसे कई वार्ड है जहां 200 मतदाताओं में से आठ से दस प्रत्याशी चुनाव लडऩे के लिए मैदान में कूद चुके हैं।
पंचों का बढ गया कद
चुनाव तिथि घोषित होते ही पंचो का कद बढ गया। जाति विशेष से शत प्रतिशत समर्थन प्राप्त करने के लिए प्रत्याशी पंचो की आवभगत कर रहे है। पंच भी मूंछो पर ताव दिए समाज की मिटिंग बुला रहे है। जहां सरपंच पद के लिए एक ही समाज के दो या इससे अधिक प्रत्याशी मैदान में उतरे है उन सभी को पंचो द्वारा समाज की मिटिंग में बुलाया जा रहा है। वहां ये तय किया जाता है कि समाज किसके साथ खड़ा होगा। ऐसे में जिस प्रत्याशी को मैदान में खड़े रखना तय किया जाता है उसके समर्थन में अन्य प्रत्याशियों को नामाकंन दाखिल नहीं करने का संकल्प दिलाया जा रहा है।
जहां जातिगत बाहुल्य नहीं, वहां गणित अलग
जिन गांवो में जाति विशेष की सीट नहीं है वहां अन्य जाति के प्रत्याशी को समर्थन देने के लिए अलग गणित बिठाई जा रही है। जाति विशेष के पंच अपने समाज के लोगों से रायसुमारी कर अपने चुंनिदा प्रत्याशी को बुलाकर उसे खुला समर्थन देने का निर्णय कर रहे हैं।
दोपहर की नींद हो गई खराब
गर्मी के दिनों में अधिकांश परिवारों के सदस्य दोपहर को आराम करते हैं, लेकिन इन दिनों उन्हें आराम नसीब नहीं हो पा रहा। वजह ये कि एक के बाद एक प्रत्याशी घर पर दस्तक देकर अपने पक्ष में वोट करने का आग्रह करने पहुंच रहा है। कोई विकास के वादों के आधार पर वोट मांग रहा है तो कोई उपहार देकर वोट करने की अपील कर रहा है। इस माहौल में ये भी देखने को मिल रहा है कि गिलेसिकवे मिटाने के लिए प्रत्याशी हर संभव प्रयास में जुटे है।
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