पाली शहर में ही 40 हजार से अधिक उपभोक्ता
एक साथ चार माह का बिल भुगतान करने का प्रभाव सबसे अधिक पाली शहर में पड़ेगा। यहां जिले में सबसे अधिक 42 हजार से अधिक शहरी उपभोक्ता है। जबकि मारवाड़ जंक्शन में करीब 1500 शहरी उपभोक्ता है। इसके अलावा अन्य शहरों के उपभोक्ताओं को मिलाने पर कुल उपभोक्ताओं की संख्या करीब 80 हजार होती है।
एक साथ चार माह का बिल भुगतान करने का प्रभाव सबसे अधिक पाली शहर में पड़ेगा। यहां जिले में सबसे अधिक 42 हजार से अधिक शहरी उपभोक्ता है। जबकि मारवाड़ जंक्शन में करीब 1500 शहरी उपभोक्ता है। इसके अलावा अन्य शहरों के उपभोक्ताओं को मिलाने पर कुल उपभोक्ताओं की संख्या करीब 80 हजार होती है।
जिले में 13 शहरी योजना
जिले की 13 शहरी पेयजल योजनाओं में जलदाय विभाग की ओर से पानी के बिल दिए जाते है। इनमें पाली शहर के साथ ही सोजत सिटी, जैतारण, मारवाड़ जंक्शन, निमाज, रायपुर, रानी, बाली, फालना, सुमेरपुर, सादड़ी, मारवाड़ जंक्शन आदि शहर शामिल है।
जिले की 13 शहरी पेयजल योजनाओं में जलदाय विभाग की ओर से पानी के बिल दिए जाते है। इनमें पाली शहर के साथ ही सोजत सिटी, जैतारण, मारवाड़ जंक्शन, निमाज, रायपुर, रानी, बाली, फालना, सुमेरपुर, सादड़ी, मारवाड़ जंक्शन आदि शहर शामिल है।
पहले दो माह का बिल था 166 रुपए
जलदाय विभाग की ओर से पहले दो माह का बिल 166 रुपए दिया जाता था। इसके बाद नई योजना के तहत 15 हजार लीटर से कम उपभोग करने वालों का बिल 49.50 रुपए कर दिया गया है। अब उसी के आधार पर कई उपभोक्ताओं को राशि अदा करनी होगी।
जलदाय विभाग की ओर से पहले दो माह का बिल 166 रुपए दिया जाता था। इसके बाद नई योजना के तहत 15 हजार लीटर से कम उपभोग करने वालों का बिल 49.50 रुपए कर दिया गया है। अब उसी के आधार पर कई उपभोक्ताओं को राशि अदा करनी होगी।
मई के बाद बांटने को कहा था
सरकार के मार्च में बिल वितरित नहीं करने के निर्देश थे। सरकार की ओर से मई के बाद पानी के बिल बांटने के निर्देश थे। पानी की नई दरों को लेकर हमने ड्राफ्ट बनाया था। जिसे जयपुर भेजा हुआ है। वहां से स्वीकृति मिलने पर बिल बनाकर वितरित करवाए जाएंगे। -राजेश अग्रवाल, अधिशासी अभियंता, पीएचइडी, पाली
सरकार के मार्च में बिल वितरित नहीं करने के निर्देश थे। सरकार की ओर से मई के बाद पानी के बिल बांटने के निर्देश थे। पानी की नई दरों को लेकर हमने ड्राफ्ट बनाया था। जिसे जयपुर भेजा हुआ है। वहां से स्वीकृति मिलने पर बिल बनाकर वितरित करवाए जाएंगे। -राजेश अग्रवाल, अधिशासी अभियंता, पीएचइडी, पाली