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पानी की त्राहि-त्राहि के बीच लगेगा बिलों से ‘करंट’

locationपालीPublished: Jun 12, 2019 03:01:02 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

-पिछले चार माह से जलदाय विभाग ने नहीं दिए है पानी के बिल-नई दरों की घोषणा के बाद से ही अटका हुआ है कार्य

Water bill not given for four months in Pali district

पानी की त्राहि-त्राहि के बीच लगेगा बिलों से ‘करंट’

-राजीव दवे
पाली। बिजली से करंट लगता है, लेकिन water Department इस बार पानी के बिलों से करंट लगाएगा। जो अब कभी भी उपभोक्ताओं को लग सकता है। Department of Public Health Engineering की ओर से मार्च से लेकर अब तक किसी भी माह का बिल का तैयार नहीं करवाया गया है। अब विभाग की ओर से कम से कम चार माह का बिल एक साथ दिया जाएगा। हालांकि पानी के बिल की राशि नई दरों के हिसाब से कम होगी, लेकिन श्रमिकों के लिए एक साथ वह राशि भरने पर उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित होगी। यह स्थिति महज पाली जिले की नहीं वरन् पूरे प्रदेश की है। अधिकारियों की माने तो पानी के बिलों की नई दरे 1 अप्रेल से लागू की जानी थी। इसी बीच चुनाव का दौर आ गया और सरकार ने बिल वितरण से मना कर दिया। इस कारण अभी तक बिल तैयार ही नहीं हुए है।
पाली शहर में ही 40 हजार से अधिक उपभोक्ता
एक साथ चार माह का बिल भुगतान करने का प्रभाव सबसे अधिक पाली शहर में पड़ेगा। यहां जिले में सबसे अधिक 42 हजार से अधिक शहरी उपभोक्ता है। जबकि मारवाड़ जंक्शन में करीब 1500 शहरी उपभोक्ता है। इसके अलावा अन्य शहरों के उपभोक्ताओं को मिलाने पर कुल उपभोक्ताओं की संख्या करीब 80 हजार होती है।
जिले में 13 शहरी योजना
जिले की 13 शहरी पेयजल योजनाओं में जलदाय विभाग की ओर से पानी के बिल दिए जाते है। इनमें पाली शहर के साथ ही सोजत सिटी, जैतारण, मारवाड़ जंक्शन, निमाज, रायपुर, रानी, बाली, फालना, सुमेरपुर, सादड़ी, मारवाड़ जंक्शन आदि शहर शामिल है।
पहले दो माह का बिल था 166 रुपए
जलदाय विभाग की ओर से पहले दो माह का बिल 166 रुपए दिया जाता था। इसके बाद नई योजना के तहत 15 हजार लीटर से कम उपभोग करने वालों का बिल 49.50 रुपए कर दिया गया है। अब उसी के आधार पर कई उपभोक्ताओं को राशि अदा करनी होगी।
मई के बाद बांटने को कहा था
सरकार के मार्च में बिल वितरित नहीं करने के निर्देश थे। सरकार की ओर से मई के बाद पानी के बिल बांटने के निर्देश थे। पानी की नई दरों को लेकर हमने ड्राफ्ट बनाया था। जिसे जयपुर भेजा हुआ है। वहां से स्वीकृति मिलने पर बिल बनाकर वितरित करवाए जाएंगे। -राजेश अग्रवाल, अधिशासी अभियंता, पीएचइडी, पाली

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