टैंकरों से जलापूर्ति कराने में संस्थाओं की ओर से रोजाना लाखों रुपए खर्च किए जा रहे है। टैंकरों में पानी भरवाने के लिए भी संस्थाएं जलदाय विभाग पर निर्भर नहीं है। वे स्वयं या किसी भामाशाह के खुदवाएं ट्यूबवेलों या कुओं से पानी टैंकरों में भरवाते है। इसके बाद गांव व शहर के वार्डों में मांग के अनुसार पानी आपूर्ति करते है।
सेवा समिति के माध्यम से रोजाना 70 से अधिक गांवों में विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से टैंकरों से जलापूर्ति करते है। हर टैंकर का ब्योरा रखने के साथ वह तय स्थान पर पहुंचा या नहीं। इसकी मॉनिटरिंग करते है। पानी के टैंकर निजी ट्यूबवेलों से ही भरवा रहे है। –ज्ञानचंद पारख, विधायक, पाली
तालाब के किनारे स्थित एक कुएं से टैंकर भरवाए जाते है। उसके लिए बेरा संचालक की ओर से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। हमारी ओर से अभी तीन टैंकर रोजाना चल रहे है। एक टैंकर छह से सात फेरे करता है। सेवा से प्रसन्नता मिलती है। –सजजन धारोलिया व गौतम भंसाली, संरक्षक, श्री गुरु पुष्कर जैन मित्र मण्डल
हमने मित्रों के साथ मिलकर सेवा की शुरुआत की। जल संकट में इस सेवा से सुकून का अनुभव होता है। अभी हमारे तीन टैंकरों से रोजाना करीब एक लाख लीटर पानी की आपूर्ति कर रहे है। –पंकज ओझा, संयोजक, भारतीय जन सेवा परिषद
-श्री गुरु पुष्कर जैन मित्र मण्डल: रोजाना करीब एक लाख लीटर पानी करते है आपूर्ति
-सेवा समिति: पांच बड़े टैंकर 25 हजार लीटर के प्रत्येक व रोटरी क्लब, रेडक्रॉस सोसायटी, रियल गोल्ड की और से एक-एक टैंकर गांवों में तथा शहर में छह टैंकर सेवा समिति की ओर से व एक रियल गोल्ड की ओर से
-भारतीय जन सेवा परिषद: तीन टैंकरों से शहर में रोजाना करीब एक लाख लीटर पानी
-रोटी बैंक: एक टैंकर मवेशियों के अवाळे और प्याऊ में पानी आपूर्ति के लिए
-इसके अतिरिक्त अन्य संस्थाओं व भामाशाहों की ओर से भी टैंकरों से जलापूर्ति करवाई जा रही है।