उपखण्ड के वृहद सिंचाई जलस्रोत रणकपुर, सेली की नाल व घोडाधड़ा बांध में सिंचाई के अलावा पेयजल आपूर्ति का पानी रिजर्व रहेगा। ग्राम पंचायत सरहद में स्थित बांध की नहर साफ सफाई, मर मत के प्रस्तावित कार्य मनरेगा से स पन्न करवाए जा रहे हैं। जिनकी स्वीकृतियां जारी हो गई है। विभाग ने जलवितरण बैठक कार्यक्रम घोषित कर दिया बांध कमाण्ड किसानों की यह बैठक देसूरी उपखण्ड़ अधिकारी, सिंचाई विभागाधिकारी व जल उपयोक्ता संगम अध्यक्ष, प्रादेशिक सदस्य पदाधिकारिओं की सहभागिता में स पन्न होगी।
बारिश से इस बार कई बांध पर नहरों की पटरियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं तो गत साल सिंचाई नहीं होने से कई जगह कच्ची नहरें मिट्टी व कचरे से अटी हुई हैं। जिनकी मरम्मत व साफ सफाई समय पर पूर्ण करवा दी जाए तो सिंचाई समयानुरूप स भव हो सकेगी। जल वितरण के दौरान प्रभावी नियंत्रण नहीं रखा गया तो जल वितरण में बंदरबांट से स भावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में सैकड़ों बीघा कृषि भूमि सिंचाई से वंचित रह सकती है।
नहर व माइनरों पर नहीं लगे गेट
रणकपुर-सादडी बांध मुख्य कैनाल से निकलनेवाली वितरणिकाओं की नहर व माइनर पर गेट नहीं लगाए जाने से यहां हैड व टेल कमाण्ड एकसाथ सिंचित होने में सन्देह है। किसान एक साथ सिंचाई को लेकर हर बार बैठक में मुद्दा उठाते हैं। इसके अभाव में इस बार भी एक पखवाड़े का अन्तर हैड-टेल कमाण्ड सिंचाई में बनने की प्रबल स भावनाएं साफ प्रतीत हो रही हैं।
बिलीया माइनर निर्माण का अभाव, होगी परेशानी
-बारिश से खरीफ फसल में खराबे के बाद किसान खेतों में खड़ी फसल समेटने में व्यस्त है। मनरेगा से जितने श्रमिक मिल रहे हैं उनसे साफसफाई हो पाना स भव नहीं लग रहा है। श्रमिकों के अभाव में कार्य पूर्ण कराए जाने में सन्देह है। कमाण्ड़ के कई स पन्न ग्राम में हालात ये हैं कि वहां मनरेगा श्रमिक नहीं मिलते। ऐसे में उपयोक्ता संगम के समक्ष समस्या उत्पन्न हो रही है। दूसरी ओर, बिलीया माइनर निर्माण नहीं हो पाया। जिससे यहां सिंचाई में भी परेशानी आएगी। इसको लेकर किसान चिंतित हैं। –रणजीतसिंह, जल उपयोक्ता संगम अध्यक्ष, जूना मालारी, बांध
-सिंचाई जल वितरण को लेकर किसानों की बैठक का कार्यक्रम घोषित कर दिया है। बांध की नहर सफाई व मरम्मत का कार्य प्रगति पर है। रणकपुर-सादडी बांध की नहर सफाई कार्य की टेण्डर प्रक्रिया विचाराधीन है। शीघ्र ही यहां भी सफाई शुरू करवा दी जाएगी। मुठाणा, घोडादड़ा, हरिओमसागर में जलआवक कम हुई है। अन्य सभी बांध लबालब हैं। गतवर्ष सिंचाई नहीं होने से नहरें कचरे व झाडियों से अटी पडी हैं। किसान भी सहयोग करें। -ताराराम गहलोत, एईएन, जलसंसाधन विभाग, बाली