कार्मिकों ने यह रखी मांगें
-बिजनेस ऑडिट को विकेंद्रीकृत कर सशक्त करना तथा राज्य के करदाता संख्या के अनुपात में कैडर का तार्किक विस्तार करना। जिसमें जोन स्तर पर पृथक से ऑडिट व्यवस्था हो। -विभाग में ऑडिट कार्य और राजस्व प्रशासन कार्य को पृथक करके दोनों का पृथक पद्सोपान स्थापित करना। जिससे दोनों अलग-अलग विशेषज्ञ सेवा का सही सम्पादिन कर सके।
-केन्द्रीय पंजीयन इकाई के स्थान पर जोन स्तर पर पंजीयन की पृथक व्यवस्था स्थापित करना, जिसमें पर्याप्त मानव संशाधन हो।
-बिजनेस ऑडिट को विकेंद्रीकृत कर सशक्त करना तथा राज्य के करदाता संख्या के अनुपात में कैडर का तार्किक विस्तार करना। जिसमें जोन स्तर पर पृथक से ऑडिट व्यवस्था हो। -विभाग में ऑडिट कार्य और राजस्व प्रशासन कार्य को पृथक करके दोनों का पृथक पद्सोपान स्थापित करना। जिससे दोनों अलग-अलग विशेषज्ञ सेवा का सही सम्पादिन कर सके।
-केन्द्रीय पंजीयन इकाई के स्थान पर जोन स्तर पर पंजीयन की पृथक व्यवस्था स्थापित करना, जिसमें पर्याप्त मानव संशाधन हो।
-केंद्र सरकार और अन्य राज्यों की व्यवस्था के अनुरूप केंद्रीकृत एन्फोर्समेंट विंग के स्थान पर विकेंद्रीकृत व्यवस्था स्थापित करना, जिसमें जोन स्तर पर पर्याप्त मानव संशाधन हो।
-राजस्थान वाणिज्यिक कर सेवा के पदोन्नित के अवसर और वेतनमान में सुधार के लिए राजस्थान वाणिज्यिक कर सेवा नियम 1971 में संशोधन करना जिसमें एक कैडर निर्माण हो जो विभाग की अन्य सेवा राजस्थान लेखा सेवा एवं राजस्थान राज्य बीमा सेवा के समकक्ष हो।
-राजस्थान वाणिज्यिक कर सेवा के पदोन्नित के अवसर और वेतनमान में सुधार के लिए राजस्थान वाणिज्यिक कर सेवा नियम 1971 में संशोधन करना जिसमें एक कैडर निर्माण हो जो विभाग की अन्य सेवा राजस्थान लेखा सेवा एवं राजस्थान राज्य बीमा सेवा के समकक्ष हो।
-राजस्थान वाणिज्य कर अधीनस्थ सेवा सामान्य शाखा नियम 1975 में संशोधन कर कनिष्ठ वाणिज्यिक कर अधिकारी और कर सहायक के वेतनमान, ग्रेड पे और नामकरण को अधिसूचित करना।