पूरे संभाग में जांच लैब एक ही
जोधपुर में स्थित संभाग स्तरीय लैब है। इस लैब में पाली, जालोर, सिरोही व जोधपुर समेत संभाग में आने वाले विभिन्न जिलों से सैम्पल जांच के लिए भेजे जाते हैं। इस कारण इनकी जांच में कम से कम एक माह का समय लग जाता है। इसके बाद इस लैब से अधिकारियों को जांच रिपोर्ट हाथ लग पाती है। तब तक काफी देर हो चुकी होती है।
जोधपुर में स्थित संभाग स्तरीय लैब है। इस लैब में पाली, जालोर, सिरोही व जोधपुर समेत संभाग में आने वाले विभिन्न जिलों से सैम्पल जांच के लिए भेजे जाते हैं। इस कारण इनकी जांच में कम से कम एक माह का समय लग जाता है। इसके बाद इस लैब से अधिकारियों को जांच रिपोर्ट हाथ लग पाती है। तब तक काफी देर हो चुकी होती है।
त्योहार पर मिलावट से जंग महज औपचारिकता ही रह जाती है।
पाली व जालोर जिले में खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास न तो पर्याप्त संसाधन है और ना ही कार्मिक। इस साल भी विभाग को अकेले एक अधिकारी के भरोसे ही यह लड़ाई लडऩी है। पाली जिले की करीब बीस व जालोर की 18 लाख जनसंख्या वाले दोनों जिलों में एक ही खाद्य सुरक्षा अधिकारी को ही जिम्मा सौंपा हुआ है।
पाली व जालोर जिले में खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास न तो पर्याप्त संसाधन है और ना ही कार्मिक। इस साल भी विभाग को अकेले एक अधिकारी के भरोसे ही यह लड़ाई लडऩी है। पाली जिले की करीब बीस व जालोर की 18 लाख जनसंख्या वाले दोनों जिलों में एक ही खाद्य सुरक्षा अधिकारी को ही जिम्मा सौंपा हुआ है।
सैम्पलिंग में लगता है समय
त्योहारी सीजन के तहत मावा-मिठाइ, देशी घी व तेल समेत अन्य खाद्य पदार्थों की जमकर बिक्री होती है। विभाग की ओर से दीपावली की सीजन में दस दिन तक विशेष अभियान चलाया जाता है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी को एक प्रतिष्ठान पर सैम्पलिंग के लिए कम से कम दो से तीन से चार घंटे का समय लग जाता है। ऐेसे में कार्मिकों व संसाधनों की कमी से हाल बुरे है।
त्योहारी सीजन के तहत मावा-मिठाइ, देशी घी व तेल समेत अन्य खाद्य पदार्थों की जमकर बिक्री होती है। विभाग की ओर से दीपावली की सीजन में दस दिन तक विशेष अभियान चलाया जाता है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी को एक प्रतिष्ठान पर सैम्पलिंग के लिए कम से कम दो से तीन से चार घंटे का समय लग जाता है। ऐेसे में कार्मिकों व संसाधनों की कमी से हाल बुरे है।
जांच रिपोर्ट बाद में ही
त्योहारी सीजन में खाद्य पदार्थों के लिए गए नमूनों की जांच रिपोर्ट दीपावली बाद ही मिलती है। जोधपुर में लैब में अधिक सैम्पल आते हैं, ऐसे में पहले रिपोर्ट आना संभव नहीं है। संदिग्ध माल को विभाग जब्त कर लेता है।
दिलीप सिंह यादव, जिला खाद्य अधिकारी, पाली-जालोर।
त्योहारी सीजन में खाद्य पदार्थों के लिए गए नमूनों की जांच रिपोर्ट दीपावली बाद ही मिलती है। जोधपुर में लैब में अधिक सैम्पल आते हैं, ऐसे में पहले रिपोर्ट आना संभव नहीं है। संदिग्ध माल को विभाग जब्त कर लेता है।
दिलीप सिंह यादव, जिला खाद्य अधिकारी, पाली-जालोर।