scriptकिसानों के अरमानों पर पानी फेर रहे जंगली सूअर, बचाव का नहीं जरिया | Wild boar wasting water on farmers' desires, not a means of rescue | Patrika News

किसानों के अरमानों पर पानी फेर रहे जंगली सूअर, बचाव का नहीं जरिया

locationपालीPublished: Jan 19, 2020 12:55:59 pm

– तारबंदी के बावजूद खेत-खलिहानों में फसल कर रहे नष्ट
– रात के समय झुंड के रूप में पहुंच रहे

किसानों के अरमानों पर पानी फेर रहे जंगली सूअर, बचाव का नहीं जरिया

किसानों के अरमानों पर पानी फेर रहे जंगली सूअर, बचाव का नहीं जरिया

पाली। इन दिनों रबी की फसलों को जंगली ***** नष्ट कर रहे है। लाख जतन के बावजूद किसान जंगली सूअरों से फसल को नहीं बचा पा रहे है। तारबंदी के बावजूद ***** खेतों में घुसकर फसल को खा रहे है। सूअरों के आतंक से किसान खासे परेशान है।
दूसरे जानवर तो फसल बड़ी होने पर नुकसान पहुंचाते है। लेकिन जंगली ***** तो फसल उगने के साथ ही नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते है। जिले भर में इस बार 3 लाख 59 हजार 982 हैक्टयर में रबी की बुवाई हो रखी है।
सूअरों से बचने के लिए अभी तक कोई भी किसानों के पास नहीं है। फिलहाल किसान अपने स्तर पर ही सूअरों को खेतों से भगा रहे है।
रात के समय झुंड के रूप में पहुंच रहे
जंगली ***** रात के समय झुंड के रूप में आते है। 20 से 25 ***** झुंड के रूप में खेतों में घुस जाते है। तारबंदी होने के बावजूद भी ***** तारबंदी के नीचे एक से दो फीट गहरा खड्ढा खोद कर घुस जाते है। ***** जितना खाते नहीं है उससे ज्यादा को तहस नहस कर देते है।
करनी पड़ रही रखवाली
किसान फसलों को बचाने के लिए टोपीदार बंदूक व पटाखों का सहारा ले रहे है। बंदूक से फायर कर सूअरों को भगाने का प्रयास करते है। कई किसानों के पास बंदूक नहीं होने पर पटाखे चला कर फसल को बचा रहे है। किसान रात भर खेतों की रखवाली कर रहे है।
हो रहा नुकसान
&जंगली ***** रबी की फसलों को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे है। खेतों की तारबंदी हो रखी है। इसके बावजूद भी ***** तारबंदी के नीचे से गड्ढा खोदकर घुस जाते है।

शैतानसिंह कुम्पावत, किसान टेवाली
इनका कहना है
&जंगली सूअरों से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। तारबंदी होने के बावजूद जमीन में गड्ढा खोदकर घुस जाते है। हालांकि, किसान पटाखे चलाकर फसल को बचा रहे हैं।
डॉ. मनोज अग्रवाल, सहायक निदेशक, कृषि विभाग पाली
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