दो साल बाद हो रही गणना वर्ष 2020 में गणना पूर्व हुई बारिश से कई नए प्राकृतिक जलस्त्रोत बन गए। तो वर्ष 2021 में कोरोना के कारण वन्यजीव गणना स्थगित कर दी गई। इस वर्ष भी मौसम ने साथ निभाया या बुद्ध पूर्णिमा पूर्व बारिश नहीं हुई तो वन्यजीव प्रेमी व गणक गणना दौरान वन्यजीव अठखेलियों का लुत्फ उठा सकेंगे।
पांच रेंज में होगी गणना पाली, राजसमंद व उदयपुर जिलों की सीमाओं में 506 वर्ग किलोमीटर अरावली की तलहटी में कुम्भलगढ़ अभयारण्य है। जिसे पांच रेंज क्रमश: झीलवाड़ा, सादड़ी, देसूरी, बोखाड़ा व कुम्भलगढ़ में बांट रखा है। कुम्भलगढ व सादड़ी में एसीएफ कार्यालय बने हैं। वनक्षेत्र में शाकाहारी, मांसाहारी, रेप्टाईल्स सहित 200 से अधिक प्रजाति के पक्षी हैं। अभयारण्य में पैंथर, सियार, भालू, लोमड़ी, सेही, जंगली सूअर, हाईना, चौङ्क्षसगा, चीतल, बिज्जू, बूट, साम्भर सहित कई प्रजातियों के वन्यजीव की बहुतायत हैं।
पानी से भरवाए वाटरहॉल अभयारण्य की 5 रेंज में पानी भरवाने को लेकर विभाग से पिछले दिनों रेंजवार बजट जारी किया। इन दिनों वाटरहॉल्स की सफाई कर इनमें पानी भरवाया जा रहा है। ताकि यहां वन्यजीव की आवाजाही सुनिश्चित हो सके। प्रतिदिन यहां मॉनिटङ्क्षरग की जा रही है।