पशुपालन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक प्रत्येक गोशालाओं में 200 गोवंश टैगशुदा होने चाहिए। दो वर्ष पुराना पंजीयन व नियमित संचालन आवश्यक है। संस्था द्वारा गोवंश के नस्ल सुधार व बंधियाकरण के लिए लिखित सहमति देना तथा सभी नर गोवंश का बधियाकरण करवाना आवश्यक होगा। संस्था को दो वर्षों की सी.ए. द्वारा ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गोशालाओं को साल में दो बार अनुदान की राशि दी जाती है। बड़े गोवंश को 40 तथा छोटे गोवंश को 20 रुपए प्रतिदिन की दर से राशि दी जाती है।
अब गोशालाओं की वीडियोग्राफी की सीडी ऑडिट रिपोर्ट के साथ देनी होगी। गोशालाओं का निरीक्षण करने की भी वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी। -डॉ. गौतम चक्रधारी, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग पाली