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बेटियों का भविष्य बनाने के लिए मां ने थामी ऑटो की स्टेरिंग, बनी मिसाल, जानें पूरी खबर…

locationपालीPublished: Feb 20, 2020 05:14:45 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

Female auto driver : -पाली में एक मात्र महिला चला रही ऑटो-पति जोधपुर में साड़ी प्रिंटिंग डिजाइन का करता है कार्य

बेटियों का भविष्य बनाने के लिए मां ने थामी ऑटो की स्टेरिंग, बनी मिसाल, जानें पूरी खबर...

बेटियों का भविष्य बनाने के लिए मां ने थामी ऑटो की स्टेरिंग, बनी मिसाल, जानें पूरी खबर…

-राजीव दवे/शेखर राठौड़
पाली। पाली शहर में अब तक ऑटो महज पुरुष ही चलाते दिखते थे, लेकिन पिछले करीब दो माह से एक महिला सडक़ों पर ऑटो दौड़ा रही है। तीन बेटियों और एक बेटे की मां जब ऑटो लेकर शहर की सडक़ों से गुजरती है तो शहरवासी उसे देखकर आश्चर्य करते हैं। अपने बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए यह मां रोजाना सुबह चार बजे ही घर से ऑटो लेकर निकलती है और शाम ढलने पर ही घर लौटती है।
पुनायता औद्योगिक क्षेत्र के पास विकास नगर में एक छोटे से मकान में रहने वाली बिन्दु के पति राजमोहन यादव जोधपुर की एक फैक्ट्री के प्रिन्टिंग डिजाइन का कार्य करते हैं। उन्होंने घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कुछ समय पहले ऑटो किश्तों पर लिया। उसे चलाने के लिए एक चालक रखा, लेकिन वह छोडकऱ चला गया। इस पर उनकी पत्नी बिन्दु ने ऑटो चलाने की ठानी और कुछ दिन तक घर पास ही गली में और रामलीला मैदान में जाकर ऑटो चलाने का अभ्यास किया। इसके बाद अब वे करीब दो माह से शहर की सडक़ों पर ऑटो दौड़ा रही है।
तीन बच्चे पढ़ते निजी स्कूल में
बिन्दु की सबसे बड़ी बेटी पूजा बालिया स्कूल में कक्षा बारहवीं की छात्रा है। उससे छोटी बहन कुमकुम सातवीं व चांदनी एक निजी स्कूल में कक्षा छह में पढ़ती है। सबसे छोटा भाई कृष्णा भी निजी स्कूल में ही कक्षा 4 में अध्ययन कर रहा है। उनकी बड़ी बेटी पूजा का कहना है कि मम्मी दसवीं तक पढ़ी है और उन्हें दोपहिया वाहन चलाना आता था। इस कारण उन्होंने ऑटो की किश्त चुकाने के लिए चालक के जाने के बाद खुद ही ऑटो चलाने का निर्णय किया।
सुबह चार बजे निकलती है घर से
बिन्दु की दिनचर्या सुबह चार बजे ही शुरू हो जाती है। वह सबसे पहले पाली की सब्जी मण्डी जाती है। वहां से सब्जियों को पहुंचाने का कार्य करती है। इसके बाद पूरे दिन कभी बस स्टैण्ड से तो कभी रेलवे स्टेशन से सवारियों को बैठाकर उनके गंतव्य तक पहुंचाती है। वे शाम को करीब सात बजे घर पहुंचती है। उनकी बेटियों से बात करने पर उनका कहना था मां पूरे दिन कड़ी मेहनत करती है। इस कारण उनको मां पर गर्व है।

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