जिला कलक्टर अंश दीप ने बताया कि जिला प्रशासन एवं सेना की 63वीं इंजीनियरिंग रेजिमेंट के सुपरविजन ने रेस्क्यू ऑपरेशन 24 घंटे जारी है। सेना के कर्नल प्रदीप मौके पर बचाव के लिए ऑपरेशन चला रहे है। पुलिस, सेना, एसडीआरएफ के 70 से अधिक जवान इसमें जुटे हुए है। सेना ने बताया कि जहां तक कुआं कच्चा है, वहां तक चारों ओर से खुदाई कर पत्थर हटाए जाएंगे, खुदाई के लिए 2 हिटाची, 4 जेसीबी, 10 टैक्टर, 1 हाइड्रो व 1 क्रेन लगी हुई है, जो लगातार खुदाई का कार्य कर रही है।
नरेन्द्र को निकालने में लग सकता है समय
जानकारी के अनुसार बोरनड़ी गांव सरहद में स्थित बेरा समन्द्रा के एक कुंए पर मंगलवार सुबह 11 बजे बोरनड़ी निवासी नरेन्द्र पुत्र पप्पूराम नायक व जीवन पुत्र उम्मेदराम नायक कुएं के अंदर करीब 20 फीट की गहराई पर सीमेन्ट के फर्मे लगाने का काम कर रहे थे। इस दौरान कुआं ढह गया। संतुलन बिगडऩे से नरेन्द्र 180 फीट गहरे कुएं मे गिर गया तथा मिट्टी उसके ऊपर गिर गई। जीवन सिंह के हाथ में गिरते समय रस्सा पकड़ मे आ गया। जिसके सहारे वह बाहर निकल गया, उसकी जान बच गई। इसके बाद से लगातार रेस्क्यू जारी है। अभी नरेन्द्र को निकालने में दो से तीन दिन का समय लग सकता है।
पुलिस अधीक्षक कालूराम रावत मामले की नजर बनाए हुए है। गुरुवार को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. तेजपालसिंह, सोजत सीओ डॉ. हेमंत कुमार जाखड़, तहसीलदार रामलाल मीणा, प्रधान मंगलाराम देवासी, विकास अधिकारी किशनङ्क्षसह राठौड़, सार्वजनिक निर्माण विभाग सहायक अभियंता भोलाराम मेघवाल, सरपंच धनसिंह, आरआई मादुराम, सोजत रोड के कार्यवाहक थानाप्रभारी अनिलकुुमार, एएसआई भंवरलाल, पटवारी कैलाशचंद्र, ग्राम विकास अधिकारी सुमेरङ्क्षसह, कनिष्ठ सहायक चेतनप्रकाश, पंचायत सहायक रमेशकुमार, उपसरपंच वोराराम नायक सहित कई लोग मौजूद रहे।
मां की तबीयत में सुधार नहीं, बहनों का रो रो कर बुरा हाल
इधर, तीन दिन बाद भी कुएं के मलबे से बालक नरेन्द्र को नहीं निकाला जा सका। उसकी मां इंद्रा देवी की तबीयत बिगड़ गई, इसमें सुधार नहीं है। मौके पर ही उसका उपचार करवाया जा रहा है। एक तरफ रेस्क्यू तो दूसरी तरफ उसकी मां का उपचार चल रहा है। उसकी तीन बहनों का रो रो कर बुरा हाल है। उसकी मां ने अस्पताल चलने से इनकार कर दिया। नरेन्द्र की मां व बहनें लगातार उसके जिंदा रहने की आस में दुआएं कर रहे हैं। प्रधान मंगलाराम देवासी ने उसे सांत्वना दी।