जैतारण थानाधिकारी सुरेश चौधरी के अनुसार लौटोती निवासी दूदाराम भिदादा व गोपालसिंह जोधा बजरी खनन कार्य में भागीदार थे। यह लीज खत्म हो गई। बाद में दोनों में बजरी खनन व रुपए के लेन-देन का विवाद हो गया। कानसिंह धर्मकांटे पर अवैध खनन की रखवाली करता था। कान सिंह को तनख्वाह दूदाराम देता था। इधर, गोपालसिंह पक्ष के लोग वहां से उसे हटने की धमकी दे रहे थे। लेकिन कान सिंह ने नौकरी नहीं छोड़ी। इस विवाद के चलते उसकी हत्या कर दी गई।
खड्डे में मिले खून के निशान
कानसिंह के अपहरण की सूचना पर पुलिस जब निम्बोल नदी में स्थित धर्मकांटे पर पहुंची तो वहां कानसिंह के चप्पल पड़े थे और जीप के टायर के निशान भी खनन पट्टा लीज की तरफ जाते हुए मिले। पुलिस मौके पर पहुंची तो युवक का शव मिल गया। खनन लीज से करीब बीस फीट गहरे खड्डे में खून के निशान मिले, वहां एक मोबाइल भी मिला। पुलिस ने मृतक के भाई मनोहर सिंह की रिपोर्ट पर लौटोती निवासी गोपालसिंह जोधा व उसके पुत्र अभिमन्युसिंह, जितेन्द्रसिंह पुत्र हुकम सिंह राजपूत, तिलोकचंद पुत्र सज्जनलाल वाल्मीकि व नेमाराम पुत्र भंवरलाल कुमावत के खिलाफ अपहरण कर हत्या का मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने आरोपी जितेन्द्र सिंह व तिलोकचंद को गिरफ्तार कर लिया। जैतारण विधायक अविनाश गहलोत, लौटोती सरपंच सीता देवी, पांचाराम ढाडिया, पूर्व सरपंच कल्याणसिंह, शम्भुसिंह सहित ग्रामीणों ने निष्पक्ष जांच की मांग की है।