गुड़ारामसिंह गांव में एक अप्रेल को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत होने के बाद चिकित्सक की नियुक्ति की गई। लेकिन गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए स्थाई भवन की व्यवस्था नही थी। एक माह से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी अस्थाई भवन की व्यवस्था नही हुई तो गांव के 24 जागरूक युवाओं व ग्रामीणों ने मिलकर 23 वर्षो से गांव में उपेक्षित पड़े जर्जर उपस्वास्थ्य केन्द्र पर 4 लाख रूपए लगाकर केन्द्र को एक नया रूप दे दिया। अब उपस्वास्थ्य केन्द्र ने व्यवस्थित पीएचसी का रूप धारण कर लिया है।
इसमें छत व फर्श को नया रूप दिया गया। वही बाथरूम व शौचालय का निर्माण, नए दरवाजे, खिड़किया, भवन में लाइट व पानी की फिटिंग, बरामदे में फाइबर युक्त टीन शेड, फर्नीचर के साथ भवन का रंग-रोगन करवा कर चिकित्सा विभाग को सौंपा। इसके अलावा परिसर की सुंदरता बढ़ाने के लिए पौधों का रोपण किया गया।
संसाधनों का अब तक अभाव
दानदाताओं का कहना है कि यहां चिकित्सा सेवाएं शुरू करने के लिए सुविधा युक्त भवन दे दिया है। हमने पूरा प्रयास किया है कि गांव में चिकित्सा सुधिवा बेहतर हो। अब चिकित्सा विभाग को जल्द से जल्द यहां पर संसाधन के साथ स्टॉफ की नियुक्त करनीे चाहिए, जिससें यहां के वाशिंदो को चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिल सके। इस पीएचसी से आस-पास के दस गांवों को फायदा मिलेगा।
दानदाताओं का कहना है कि यहां चिकित्सा सेवाएं शुरू करने के लिए सुविधा युक्त भवन दे दिया है। हमने पूरा प्रयास किया है कि गांव में चिकित्सा सुधिवा बेहतर हो। अब चिकित्सा विभाग को जल्द से जल्द यहां पर संसाधन के साथ स्टॉफ की नियुक्त करनीे चाहिए, जिससें यहां के वाशिंदो को चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिल सके। इस पीएचसी से आस-पास के दस गांवों को फायदा मिलेगा।
इन्होनें किया सहयोग
भवन जीर्णोद्वारा में ईश्वरसिंह कुम्पावत, महेन्द्र मोहन मालवीय, प्रवीणसिंह कुम्पावत, मगाराम चौधरी, यशपालसिंह एच, घनश्यामसिंह एस, मांगीलाल चौधरी, प्रहलादसिंह जे, उम्मेदसिंह कुम्पावत, ओमप्रकाशसिंह कुम्पावत, दलाराम चौधरी, भुपेन्द्रसिंह कुम्पावत, मनोहरसिंह कुम्पावत, सुरेन्द्रसिंह कुम्पावत, यशपालसिंह एम, भरत चौधरी, हमीरसिंह कुम्पावत, प्रहलादसिंह एस, बंशीलाल टेलर, छतरसिंह कुम्पावत, अमरसिंह चौहान, खुशवंतसिंह देवड़ा, घनश्यामसिंह जे, राजेश मालवीय का सहयोग रहा। वही गुड़ाकेशरसिंह गांव के पूर्व थानाधिकारी भंवरसिंह चौहान ने फर्नीचर व्यवस्था में सहयोग किया।
भवन जीर्णोद्वारा में ईश्वरसिंह कुम्पावत, महेन्द्र मोहन मालवीय, प्रवीणसिंह कुम्पावत, मगाराम चौधरी, यशपालसिंह एच, घनश्यामसिंह एस, मांगीलाल चौधरी, प्रहलादसिंह जे, उम्मेदसिंह कुम्पावत, ओमप्रकाशसिंह कुम्पावत, दलाराम चौधरी, भुपेन्द्रसिंह कुम्पावत, मनोहरसिंह कुम्पावत, सुरेन्द्रसिंह कुम्पावत, यशपालसिंह एम, भरत चौधरी, हमीरसिंह कुम्पावत, प्रहलादसिंह एस, बंशीलाल टेलर, छतरसिंह कुम्पावत, अमरसिंह चौहान, खुशवंतसिंह देवड़ा, घनश्यामसिंह जे, राजेश मालवीय का सहयोग रहा। वही गुड़ाकेशरसिंह गांव के पूर्व थानाधिकारी भंवरसिंह चौहान ने फर्नीचर व्यवस्था में सहयोग किया।
पत्रिका के प्रयास लाए रंग
गांव का उपस्वास्थ्य केंद्र विभागीय अनदेखी का शिकार बना हुआ था। जनप्रतिनिधियों की कमजोर पैरवी व विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण गुडऱामसिंह गांव के लोगों को चिकित्सा सेवाओं के लिए परेशान होना पड़ता था। इसको लेकर राजस्थान पत्रिका ने दिसम्बर माह 2018 में 21 वर्ष से अनुपयोगी उपस्वास्थ्य केन्द्र भवन शीर्षक से खबर प्रकाशित कर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया था। इसके बाद विधायक खुशवीरसिंह जोजावर के प्रयासों से एक अप्रेल को गांव में पीएचसी स्वीकृत हुआ।
गांव का उपस्वास्थ्य केंद्र विभागीय अनदेखी का शिकार बना हुआ था। जनप्रतिनिधियों की कमजोर पैरवी व विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण गुडऱामसिंह गांव के लोगों को चिकित्सा सेवाओं के लिए परेशान होना पड़ता था। इसको लेकर राजस्थान पत्रिका ने दिसम्बर माह 2018 में 21 वर्ष से अनुपयोगी उपस्वास्थ्य केन्द्र भवन शीर्षक से खबर प्रकाशित कर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया था। इसके बाद विधायक खुशवीरसिंह जोजावर के प्रयासों से एक अप्रेल को गांव में पीएचसी स्वीकृत हुआ।
300 घरों की आबादी
गांव में लगभग 300 घरों की आबादी निवास करती है लेकिन लोगों को छोटे मोटे इलाज लिए सात किलोमीटर दूर राणावास या 23 किलोमीटर दूर मारवाड़ जंक्शन जाना पड़ता था। खासकर गर्भवती महिलाओं व बच्चों को उपचार में परेशानी हो रही थी। अब पीएचसी बनने के बाद ग्रामीणों को चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिलेगा।
गांव में लगभग 300 घरों की आबादी निवास करती है लेकिन लोगों को छोटे मोटे इलाज लिए सात किलोमीटर दूर राणावास या 23 किलोमीटर दूर मारवाड़ जंक्शन जाना पड़ता था। खासकर गर्भवती महिलाओं व बच्चों को उपचार में परेशानी हो रही थी। अब पीएचसी बनने के बाद ग्रामीणों को चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिलेगा।