scriptआरटीआई कार्यकर्ता के प्रयासों से पानीपत में 2005 वृक्ष बचे | 2005 tree survived in Panipat due to RTI activist's efforts | Patrika News

आरटीआई कार्यकर्ता के प्रयासों से पानीपत में 2005 वृक्ष बचे

locationपानीपतPublished: Dec 22, 2019 05:43:42 pm

पीडब्लयूडी विभाग की वृक्ष काटकर सड़क चौड़ी करने की बनाई थी स्कीम

आरटीआई कार्यकर्ता के प्रयासों से पानीपत में 2005 वृक्ष बचे

आरटीआई कार्यकर्ता के प्रयासों से पानीपत में 2005 वृक्ष बचे

पानीपत. जीटी रोड से बरसत रोड पुल तक ड्रेन न. 2 की पट्टी पर लगे 2005 वृक्षों को काटकर सड़क बनाने की योजना पर आरटीआई कार्यकर्ता ने पलीता लगा दिया है। इससे यहां लगे कुल 2005 हरे भरे वृक्ष कटने से बच जाएंगे।
आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने 10 अगस्त को केन्द्रीय मंत्री पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को शिकायत भेजी थी। शिकायत में आरोप लगाया था कि सीएम घोषणा के तहत पीडब्लयूडी पानीपत के अधिकारी ड्रेन न. 2 के किनारे (जीटी रोड से बरसत रोड पुल तक) लगे हजारों वृक्षों को काटने जा रहे हैं। पीडब्लयूडी विभाग यहां 33 फीट चौड़ी सडक़ बनाना चाहता है जबकि इस प्रस्तावित सडक़ के साथ 100 फीट चौड़ी सड़क पहले से ही मौजूद है। इसके विरूद्ध कपूर ने हजारों इशतहार भी बांटे। आरटीआई आवेदन लगाकर सूचनाएं इक_ी की। गत 23 अगस्त को जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के समालखा आगमन पर पर्चे बांटते हुए कपूर को समालखा पुलिस ने पकडकऱ तीन घंटे तक पुलिस हिरासत में भी रखा।
गत 27 नवम्बर को केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रायल के टैक्नीकल ऑफिसर रविन्द्र सिंह ने वन विभाग, पीडब्लयूडी विभाग व सिंचाई विभाग के अधिकारियों व शिकायतकर्ता सहित मौका पर पहुंचकर जांच की। इस जांच रिपोर्ट को मंत्रालय के रीजन ऑफिस चंडीगढ़ के डीआईजी (फॉरेस्ट) एसडी शर्मा ने 11 दिसम्बर को भारत सरकार को भेज दिया है।
जांच रिपोर्ट व सिफारिशें
1. सिंचाई विभाग के स्वामित्व वाली संरक्षित वन क्षेत्र घोषित भूमि पर कुल 2005 वृक्ष लगे हैं।
2. प्रस्तावित सडक़ निर्माण के मौका से मात्र 90 मीटर की दूरी पर 100 फीट चौड़ी वैकल्पिक सडक़
पहले से ही मौजूद है। सडक़ चौड़ी करने का कोई प्रस्ताव फारेस्ट कन्जरवेशन एक्ट-1980 के तहत
अनुमति के लिए वन विभाग पानीपत को प्राप्त भी नहीं हुआ है। इसलिए सेक्टर 18 के साथ जीटी रोड से
बरसत रोड पुल तक संरक्षित वन्य क्षेत्र में सडक़ चौड़ीकरण का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।
3. भविष्य में संरक्षित वन्य क्षेत्र में (जीटी रोड से बरसत रोड तक) सैक्टर 18 की सडक़ के चौड़ीकरण
का कोई प्रस्ताव भारत सरकार को वन्य संरक्षण अधिनियम 1980 के सैक्शन- 2 के तहत पूर्व अनुमति
लेने के लिए मिलता भी है तो उस पर विचार नहीं होगा। क्योंकि मौका पर वैकल्पिक रोड पहले से ही
मौजूद है।
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