scriptहरियाणा और पंजाब के बीच एसवाईएल विवाद का समाधान लेकर आई एक संस्था,दिया यह सुझाव | an organaigation bring a idea to solve syl issue,punjab-haryana news | Patrika News

हरियाणा और पंजाब के बीच एसवाईएल विवाद का समाधान लेकर आई एक संस्था,दिया यह सुझाव

locationपानीपतPublished: Aug 24, 2018 02:33:19 pm

Submitted by:

Prateek

एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति नामक इस संस्था ने अपना यह सुझाव रखा है…

syl issue update news

syl issue update news

(चंडीगढ): हरियाणा और पंजाब के बीच एसवाईएल कैनाल के निर्माण के मुद्दे का समाधान लेकर एक संस्था सार्वजनिक पटल पर आई है। संस्था ने सुझाव दिया है कि पंजाब को बाईपास कर हिमाचल के रास्ते से ही हरियाणा के हिस्से का नदी जल लाया जाए।

 

एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति नामक इस संस्था ने अपना यह सुझाव रखा है। इस समिति के अध्यक्ष एडवोकेट जितेन्द्रनाथ ने गुरूवार को यहां पत्रकारों को बताया कि उनके सुझाये रास्ते से पानी लाकर दक्षिणी हरियाणा के खेतों की प्यास बुझाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि भाखडा बांध से हरियाणा के हिस्से का पानी लाने के लिए उन्होंने मेहनत से नए रास्ते की तलाश की है। उनके खोजे गए मार्ग से न तो पंजाब के किसानों को ऐतराज होगा और न ही हरियाणा के हक के पानी में कोई कमी आएगी। उन्होंने कहा कि वे केन्द्र के समक्ष अपना यह फाॅर्मूला पेश कर रहे हैं। यदि इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है तो वे आगामी 28 अगस्त से ध्यान आकर्षित करने वाली गतिविधियां शुरू करेंगे। इसके बाद आगामी एक दिसम्बर को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा।


जितेन्द्रनाथ ने बताया कि भाखडा बांध से पानी को हिमाचल प्रदेश के बद्दी से पिंजौर होते हुए हरियाणा के पंचकूला के निकट टांगरी नदी में डालना है और जनसुई हैड में लाना है। जनसुई हैड से आगे कैनाल का काम पूरा हो चुका है। भाखडा बांध से हिमाचल प्रदेश में हरियाणा सीमा मात्र 67 किलोमीटर है जबकि पंजाब के रास्ते हरियाणा सीमा 156 किमी पडती है। जितेन्द्रनाथ ने बताया कि उन्होंने जो रास्ता बताया है उसके हिमाचल प्रदेश के क्षेत्र में पहाडी और बारानी जमीन पडती है। हिमाचल प्रदेश सरकार यह जमीन आसानी से दे सकती है। हिमाचल प्रदेश में सतलुज नदी से जनसुई हैड तक पानी तेजी से आएगा। ऐसे में हरियाणा के हिस्से का नदी जल लाने के लिए यह सबसे अधिक आसान रास्ता है। इसमें ना पुनर्वास की समस्या है और ना ही अधिक खर्च होना है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो