scriptसूर्यग्रहण: ब्रह्मसरोवर में शंखनाद व मंत्रोच्चारण के बीच शाही स्नान | Crowds gathered in Kurukshetra Brahmasarovar on solar eclipse | Patrika News

सूर्यग्रहण: ब्रह्मसरोवर में शंखनाद व मंत्रोच्चारण के बीच शाही स्नान

locationपानीपतPublished: Dec 26, 2019 10:56:46 pm

Submitted by:

satyendra porwal

सूर्यग्रहण पर कुरुक्षेत्र में उमड़ा सैलाब।श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी।

सूर्यग्रहण: ब्रह्मसरोवर में शंखनाद व मंत्रोच्चारण के बीच शाही स्नान

सूर्यग्रहण: ब्रह्मसरोवर में शंखनाद व मंत्रोच्चारण के बीच शाही स्नान

कुरुक्षेत्र. चंडीगढ़. कुरुक्षेत्र में हाड़कंपा देने वाली ठंड की परवाह किए बिना देश-विदेश से पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं ने ब्रह्मसरोवर में श्रद्धा की डुबकी लगाई। सूर्य ग्रहण के दौरान श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना के साथ सूर्य को अघ्र्य दिया। हालांकि ठंड व कोहरे के बीच सूर्य देव के दर्शन नहीं हुए। गुरुवार को ब्रह्मसरोवर के उत्तरी घाट पर शंखनाद व मंत्रोच्चारण के बीच नागा साधुओं ने शाही स्नान किया। इसके बाद ब्रह्मसरोवर में श्रद्धालुओं के स्नान का सिलसिला शुरू हुआ। करीब 2 घंटे 36 मिनट सूर्य ग्रहण का प्रभाव रहा। सुबह 11 बजकर सात मिनट जैसे ही आंशिक सूर्यग्रहण हुआ तो श्रद्धालुओं ने दोबारा मोक्ष की डुबकी लगाई और पूजा-अर्चना की। कुरुक्षेत्र में हरियाणा, पंजाब व आसपास के राज्यों से सैकड़ों नागा साधु व संत के समाज के लोग पहुंचे। यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधा के लिए प्रशासन की ओर व्यापक इंतजाम किए थे। स्नान के दौरान दोनों सरोवरों में मोटरबोट लोगों को गहरे पानी में न जाने के लिए सचेत करती रही। जिसके चलते मेले के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। मंदिरों में सूर्यदेव का जयघोष और शंख ध्वनि गूंज उठे। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने अनाज, कपड़े, पैसे, फल इत्यादि दान किए। सरोवरों पर बैठे पुरोहितों ने हजारों यात्रियों को बारी-बारी बैठाकर उनके पूर्वजों के निमित्त पिंडदान व अन्य कर्मकांड संपन्न करवाए।
वीवीआईपी के तौर पर पहुंचे केवल सांसद
कुरुक्षेत्र सांसद नायब सैनी तथा गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने वीवीआईपी घाट पर डुबकी लगाकर रस्म अदायगी की। उपायुक्त डॉ. एसएस फुलिया, पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी व अतिरिक्त उपायुक्त एवं मेला प्रशासक पार्थ गुप्ता ने मेले का दौरा कर परिस्थितियों का जायजा लिया।
बंद रहे मंदिरों के कपाट

सूर्यग्रहण: ब्रह्मसरोवर में शंखनाद व मंत्रोच्चारण के बीच शाही स्नान
इस वर्ष का अंतिम सूर्यग्रहण लगने की वजह से मंदिरों के पुजारियों ने मंदिरों के कपाट बंद कर दिए। सुबह 11 बजे सूर्य ग्रहण पूरा होने के बाद ही पुजारियों ने गंगाजल का छिड़काव करने के साथ- साथ अन्य धार्मिक प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद ही मंदिरों के कपाट खोले।
श्री सीताराम जी बगीची के पुजारी अरुण शर्मा ने बताया कि सूर्यग्रहण लगने की वजह से बुधवार की शाम सात बजे सूतक लगने की वजह से मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। सूर्यग्रहण पूरा होने के बाद विधि विधान क्रिया पूरा करने के बाद ही मंदिरों के कपाट खोले गए। और पूजा अर्चना की गई।

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