श्री सीताराम जी बगीची के पुजारी अरुण शर्मा ने बताया कि सूर्यग्रहण लगने की वजह से बुधवार की शाम सात बजे सूतक लगने की वजह से मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। सूर्यग्रहण पूरा होने के बाद विधि विधान क्रिया पूरा करने के बाद ही मंदिरों के कपाट खोले गए। और पूजा अर्चना की गई।