40 लोगों ने पार की हैवानियत की हद
उल्लेखनीय है कि हरियाणा के पंचकूला जिले के मोरनी इलाके में स्थित एक गेस्ट हाउस में एक विवाहिता को बंधक रखकर चार दिन तक चालीस लोगों द्वारा सामूहिक बलात्कार किए जाने की वारदात सामने आई थी। पीडिता किसी तरह बचकर आई और महिला थाने में शिकायत लेकर पहुंची तो पंचकूला के महिला थाने में मुकदमा दर्ज करने से इनकार कर दिया गया। इसके बाद पीडिता ने चंडीगढ के मनीमाजरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया। चंडीगढ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर पंचकूला पुलिस को सोंप दिया था। इसके बाद पंचकूला पुलिस ने तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था। लेकिन पीडिता ने पंचकूला पुलिस पर अववास व्यक्त करते हुए मुकदमा वापस चंडीगढ पुलिस को सौंपने की मांग की है।
थाना प्रभारी के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई तो करेंगे प्रदर्शन
अभा महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और सांसद सुस्मिता देव सोमवार को इस घटना के सिलसिले में चंडीगढ पहुंचीं। देव के नेतृत्व में हरियाणा महिला कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर मोरनी सामूहिक बलात्कार मामले को लेकर पंचकूला महिला थाना प्रभारी को बर्खास्त करने की मांग की। सुस्मिता देव ने पत्रकारों को बताया कि पंचकूला की महिला थाना प्रभारी को बर्खास्त करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। इसके बाद महिला कांग्रेस थाने पर धरना शुरू करेगी। देव ने कहा कि पीडिता की उसका मुकदमा चंडीगढ पुलिस को सौंपने की मांग मंजूर की जाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में बलात्कार की सिलसिलेवार घटनाएं हो रही हैं और मौजूदा भाजपा सरकार इनको रोकने में नाकाम रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पास गृह मंत्रालय भी है। इसलिए उन्हें जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा देना चाहिए।
देव ने मांग की कि हरियाणा सरकार बलात्कार पीडिता को नौकरी व मुआवजा देकर उसका सशक्तिकरण करे। स्कूल पाठ्यक्रम में जेण्डर चेतना के लिए अध्याय शामिल किया जाए।