तिरपाल है न शैड, श्रमिकों की कमी अखरी
किसानों के अनुसार खरीद केंद्रों पर किसानों के साथ आढ़तियों को भी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा, क्योंकि वहां तिरपाल या शैड की कोई व्यवस्था नहीं है। ज्यादातर खरीद केंद्रों पर तो अभी तक बारदाना भी नहीं पहुंच पाया है, जिसके चलते तुलाई किया गया गेहूं भी बारिश की भेंट चढ़ गया। उठान धीमा होना भी परेशानी का सबब बना हुआ है। उठान धीमा होने का सबसे बड़ा कारण लेबर की कमी भी है।
कोरोना चुनौती से निपटने और लॉकडाउन में सोशल डिस्टेसिंग को बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार ने इस बार 2 हजार से ज्यादा गेहूं खरीद केंद्र बनाए हैं। अभी तक 20 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं की खरीददारी की जा चुकी है। हर रोज औसतन 40 हजार किसानों की पांच लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं की खरीद की जा रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अभी तक 20 प्रतिशत गेहूं की खरीद की जा चुकी है, लेकिन उठान मुश्किल से 5 फीसद गेहूं का ही हो पाया है। मंडियों से लेकर खरीद केंद्रों पर गेहूं के कट्टों के अंबार लगे हुए हैं।
यह रहेगा मौसम का हाल
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ और पूर्वी हवाओं की वजह से आगामी 30 अप्रैल तक मौसम परिवर्तनशील रहने की संभावना है। खासकर 48 घंटों में यानि रविवार व सोमवार को तेज हवाओं के साथ बारिश होने का अनुमान लगाया जा रहा है। राजस्थान से सटे हरियाणा के क्षेत्रों में धूल भर आंधी चलने की भी संभावना जताई जा रही है।