उर्जा व जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने शनिवार को पानीपत से रोहतक जाते समय अपना काफिला पानीपत थर्मल पावर स्टेशन की ओर मोड़ लिया। ऊर्जा मंत्री ने थर्मल गेट पर रात करीब 10 बजे काफिला रूकवाया और पैदल अधिकारियों की टीम के साथ थर्मल कालोनी जा पहुंचे । सबसे पहले गुपचुप तरीके से थर्मल के चीफ इंजीनियर, आठ अधीक्षण अभियंताओं, इलेक्ट्रीकल इंजीनियर, डीएवी स्कूल की प्रधानाचार्य के बंगलों में विद्युत आपूर्ति की जांच शुरू करवाई।
टीम की जांच की भनक थर्मल के अधिकारियों को नहीं लगी और सभी के बंगलों में सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइटों से बिजली की आपूर्ति होती मिली। मंत्री के आदेश पर अधीक्षण अभियंता व चीफ इंजीनियर को मौके पर बुलवाया तो उनके हाथ पांव फूल गए।
गुपचुप तरीके से कार्रवाई को दिया अंजाम
मंत्री के साथ आई टीम ने चोरी कर रहे अधिकारियों पर रात करीब ढाई बजे तक कार्रवाई की, बिजली चोरी कर रहे सभी अधिकारियों व प्रिंसीपल की एलएलवन भरी गई और इन पर जुर्माना किया गया। छापे की कार्रवाई के अनुसार आरोपितों पर किया गया जुर्माना यदि अगले 24 घंटों में नहीं भरा गया तो पुलिस में केस दर्ज करवाया जाएगा।
चोरी पकडऩे के बाद बुलाया
ऊर्जा मंत्री ने हर बंगले की विशेषज्ञ अधिकारियों से पहले जांच करवाई और बिजली चोरी साबित होने के बाद सभी अधिकारियों को बाहर बुलवाया। मंत्री के सामने बिजली चोरी की बात साबित होने पर सभी के हाथ पैर फूल गए। हाल यह था कि इस कार्रवाई का निगम की किसी भी विंग को पता नहीं चला।
मंत्री की जांच में यह भी सामने आया कि थर्मल के वरिष्ठ अधिकारी जिनमें चीफ इंजीनियर, इलेक्ट्रीकल इंजीनियर, अधीक्षण अभियंता अपने घरों से घरेलू आपूर्ति के तारों छतों के जरिए स्ट्रीट लाइट पोल तक ले गए ओर कट लगाकर आपूर्ति ली।
मीडिया से बचने रहे ऊर्जा मंत्री
थर्मल में आला अधिकारियों द्वारा बिजली चोरी के संबंध में उत्तरी हरियाणा विद्युत वितरण निगम के अधीक्षन अभियंता जेएस नारा ने बताया कि उर्जा मंत्री की पानीपत थर्मल में छापा की कार्रवाई के मामले की जानकारी उन्हें नहीं है। इधर, ऊर्जा मंत्री रणजीत चौटाला छापे की कार्रवाई पर जानकारी देने से बचते नजर आए, उन्होंने मीडिया कर्मियों के फोन नहीं सुने।