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हरियाणा में पंचायतीराज की मजबूती के लिए अन्तरजिला परिषद का गठन

locationपानीपतPublished: Aug 31, 2018 03:26:35 pm

Submitted by:

Prateek

अंतर जिला परिषद की पहली बैठक में जन प्रतिनिधियों से मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने सीधा संवाद कर प्रदेश के विकास के लिए सुझाव आमंत्रित किए…

manohar lal khattar

manohar lal khattar

(चंडीगढ़): हरियाणा सरकार ने अन्तरराज्यीय परिषद की तर्ज पर प्रदेश में अन्तर जिला परिषद का गठन किया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरूवार को पंचकूला में अंतर जिला परिषद की पहली बैठक की अध्यक्षता की और जिला परिषदों की मजबूती के लिए कई कदमों की घोषणा की। इस बैठक में जिला परिषद के सभी अध्यक्ष, नगरनिगमों के सभी मेयर, नगर परिषदों और नगरपालिकाओं के सभी अध्यक्ष और प्रदेश के प्रत्येक जिले से एक सरपंच ने भाग लिया।


अंतर जिला परिषद की पहली बैठक में जन प्रतिनिधियों से मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने सीधा संवाद कर प्रदेश के विकास के लिए सुझाव आमंत्रित किए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अंतर जिला परिषद की बैठक में कहा कि लोकतंत्र शासन प्रणाली में आज का दिन ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि हरियाणा गठन को लगभग 52 वर्ष हो गए हैं परंतु जिस भावना से वर्ष 2014 में हरियाणा के लोगों ने हमें पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता सौंप कर राज पलटा था, हमने पिछले चार वर्षों में राजपाट करने की व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन किया है, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण आज की यह अंतर जिला परिषद की बैठक है।

 

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि आज से जिला परिषदों के लिए स्वतंत्र रूप से मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त होंगे। इससे पहले उपायुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त और उपमण्डल अधिकारियों को जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार दिया जाता था। उन्होंने यह घोषणा की कि अतिरिक्त उपायुक्त और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब केवल एकल अधिकारी नहीं होगा बल्कि अलग-अलग अधिकारी होंगे। अब उनको वेतन जिला परिषद के खाते से दिया जाएगा। जिला परिषद के अध्यक्षों को मुख्य कार्यकारी अधिकारी की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट लिखने के लिए अधिकृत किया गया है।


उन्होंने कहा कि अब तक जिला परिषद के अध्यक्ष ही जिला ग्रामीण विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष होते थे और अतिरिक्त उपायुक्त उसका मुख्य कार्यकारी अधिकारी होता था। परन्तु अब अतिरिक्त उपायुक्त उसका मुख्य कार्यकारी अधिकारी नहीं होगा और जिला परिषद का अध्यक्ष ही उसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी का कार्य करेगा। इसी तरह उपायुक्त भी डीआरडीए का सह-अध्यक्ष नहीं होगा। इस तरह से जिला परिषद के सदस्य अपने मुख्य कार्यकारी अधिकारी के परामर्श के साथ योजनाएं बनाएंगे। उन्होंने कहा कि आज से ही जिला परिषद के लिए 20 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान कर दिया गया है और वे इस राशि को अपने जरूरत के हिसाब से खर्च कर सकेंगे। इसी प्रकार, प्रदेश सरकार एकल अधिकारी की नियुक्ति पर विचार कर रही है जोकि सभी शहरी स्थानीय इकाइयों के साथ तालमेल कर सके।


मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि जिलों में जिला परिषदों का अपना स्वतंत्र कार्यालय होगा। अब तक केवल सात जिलों में ही जिला परिषद के कार्यालय हैं। डीआरडीए का कार्यालय भी उसी परिसर में स्थापित किया जाएगा। इस दिन को एक ऐतिहासिक दिन बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतर जिला परिषद का गठन इसलिए किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पंचायत समिति और जिला परिषद एक शासक के रूप में कार्य करें और उन्हें विकास कार्यों के लिए आवश्यक कोष और शक्तियां स्वतः प्राप्त हों।


उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विभागों के कुछ चिन्हित कार्य जिला परिषद को हस्तांतरित करने का भी निर्णय लिया है ताकि वे अपने क्षमता के हिसाब उन्हें क्रियान्वित कर सकें। उन्होंने कहा इसके लिए फंड जिला परिषद को दे दिए जाएंगे लेकिन इन कार्यों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) राज्य सरकार द्वारा तैयार करवाई जाएगी। जो कार्य जिला परिषद द्वारा किये जाएंगे उनमें शमशान घाटों व कब्रिस्तानों में पक्का रास्ता, चार दीवारी, शेड तथा पानी की व्यवस्था करना, स्वच्छता का कार्य देखने, बस क्यू शैल्टर, मोबाईल टावर लगाना शामिल है।

 

इसके अलावा, पंचायती राज संस्थाओं को सोशल ऑडिट सिस्टम में भी शामिल किया जाएगा ताकि सरकार द्वारा जमीनी स्तर पर करवाए जा रहे कार्यों की प्रभावी निगरानी की जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए पर्याप्त स्टाफ भी उपलब्ध करवाया जाएगा ताकि पीआरआई स्वतंत्र और दक्ष रूप से कार्य कर सकें। हर पंचायत समिति में स्वच्छता निरीक्षक नियुक्त किया जाएगा तथा जिला परिषद में इंजीनियरिंग विंग की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक जिले की सभी नगर परिषदों व नगर पालिकाओ के लिए एक नोडल अधिकारी स्वतंत्र रूप से नियुक्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने स्थानीय निकायों को जलापूर्ति, विज्ञापन के होर्डिंग, मोबाईल टावर से भी राजस्व जुटाने का अनुरोध किया।

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