शैक्षिक सत्र शुरू होने में संकट के बादल
कोरोना का असर इस मार्केट पर भी बुरी तरह से पड़ा है। इसके चलते यह उद्योग पटरी से उतर चुका है। साइंटिफिक आपरेटर्स मैन्यूफैक्चर्ज एंड एक्सपोर्टर के प्रदेशाध्यक्ष उमेश गुप्ता मानते हैं कि कोरोना के कारण इस उद्योग के विदेशों में ही नहीं बल्कि भारतीय मार्केट के आर्डर भी ब्लॉक हो गए हैं। विदेशों में माल नहीं भेजा गया। स्कूलों में नया शिक्षा सत्र शुरू होने के कारण यह माह साइंस उद्योग के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है, लेकिन कोरोना के चलते एक्सपोर्ट कारोबार में गिरावट आई है। माल तैयार पड़ा है, लेकिन उसे भेजने की कोई व्यवस्था नहीं हो रही है।
सरकार की शर्तें भी कठिन
प्रदेशाध्यक्ष गुप्ता ने बताया कि अंबाला में साइंस के उपकरण बनाने वाले करीब एक हजार छोटे-बड़े उद्योगों में 75 हजार कर्मचारी जुड़े हुए हैं। जो पिछले एक माह से खाली बैठे हैं। सरकार द्वारा शर्तों के साथ उद्योग खोलने की मंजूरी दी गई है, लेकिन मौजूदा हालातों में कर्मचारी नहीं आ सकते। सरकार की शर्तें भी कठिन हैं। अगर साइंस इंडस्ट्री में काम दोबारा शुरू कर भी दिया जाए तो उसे पड़ोसी राज्यों अथवा पड़ोसी देशों तक पहुंचाना मुश्किल है।