मोरनी की बलात्कार पीड़िता और पति की मुकदमे को चंडीगढ़ भेजने की मांग
पीड़िता का कहना है कि चंडीगढ़ पुलिस ने शुरूआत से ही उनकी मदद की है...

(चंडीगढ): हरियाणा के पंचकूला जिले के मोरनी स्थित गेस्ट हाउस में एक विवाहिता को चार दिन बन्धक रखकर सामूहिक बलात्कार किए जाने की घटना की जांच पीड़िता और उसके पति ने चंडीगढ पुलिस को ही सौंपने की मांग की है। दोनों पति-पत्नी ने कहा है कि उन्हें पंचकूला पुलिस पर भरोसा नहीं है।
वारदात स्थल गेस्ट हाउस पंचकूला पुलिस के महिला थाने के इलाके में आता है। पीड़िता जब अपराघियों के चंगुल से निकलकर महिला थाना रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंची थी तो महिला थाने में रिपोर्ट दर्ज करने के बजाय पीड़िता को चंडीगढ पुलिस को मामला दर्ज कराने की राय दी गई थी। इसके बाद पीडिता ने चंडीगढ पुलिस के मनीमाजरा थाना पहुंचकर मुकदमा दर्ज करवाया था। बाद में मनीमाजरा थाने से मामला पंचकूला पुलिस को सौंप दिया गया था। पंचकूला पुलिस ने इस सिलसिले में तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।
पीड़िता के बयानों के अनुसार सामूहिक बलात्कार करने वालों में चालीस लोग शामिल हैं। पीड़िता ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि उन्हें पंचकूला पुलिस पर भरोसा नहीं है। उनका मुकदमा जांच के लिए चंडीगढ पुलिस को सौंपा जाए। चंडीगढ़ पुलिस ने शुरूआत से ही उनकी मदद की है। पीड़िता ने कहा कि वारदात में पुलिस कर्मी भी थे। एक पुलिस कर्मी ने उसे पचास का नोट दिया था। इस नोट पर मोबाइल फोन के नम्बर लिखे गए थे। इस वारदात के सिलसिले में दो पुलिस कर्मियों को निलंबित भी किया गया है। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों को अदालत में पेश किया है।
उधर इंडियन नेशनल लोकदल ने इस घटना को लेकर हरियाणा की भाजपा सरकार की कड़ी आलोचना की है। पार्टी के प्रवक्ता प्रवीण अत्रे ने कहा कि जो सरकार महिलाओं की सुरक्षा करने में नाकाम रही है, उसे निकम्मा ही माना जाएगा। अत्रे ने कहा कि घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।
अब पाइए अपने शहर ( Panipat News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज