न्यायालय ने सख्ती दिखाते हुए वारंट की पालना के लिए अतिरिक्त पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी को जिम्मा सौंपने को भी कहा है। अब इस मामले में अगली सुनवाई एक अगस्त को होगी।
यह है मामला
ममले के अनुसार हरियाणा के चंडीगढ से सटे शहर पंचकूला को बसाने के लिए वर्ष 1989 में किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। उस समय किसान जमीन के मुआवजे की दर से असंतुष्ट थे और वे उचित मुआवजे की मांग करते हुए हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट ने मुआवजा 380 रूपए प्रति वर्ग यार्ड देने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने मामूली कटौती करते हुए 290 रूपए प्रति वर्ग यार्ड की दर से मुआवजा भुगतान का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा भुगतान की समय सीमा तीन माह तय की थी। लेकिन प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना नहीं की।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना कराने के लिए किसान पंचकूला के जिला एवं सत्र न्यायालय में चले गए। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने पिछले मई में इस मामले में प्राधिकरण को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। प्राधिकरण के अधिकारी इस पर न्यायालय में पेश हुए और जल्दी ही मुआवजा भुगतान का कहा। लेकिन इसके बाद भी जब मुआवजा भुगतान नहीं किया गया तो न्यायालय ने 15 दिन में भुगतान न होने पर जे.गणेशन को गिरफ्तार करने का आदेश दिया।