टाइल्ड लाइन के हिमांशु गुप्ता और तेजभाने बागरी ने बताया, उन्हें अजयगढ़ बस स्टैंड के दुकानदारों ने एक करीब 12 साल के बच्चे के यहां रात से बैठे होने की जानकारी दी थी। जानकारी मिलने के बाद दोनों लोग बस स्टैंड पहुंचे बच्चे से मिलकर जानकरी ली। जिसमें बच्चे ने टीम के लोगों को बताया, वह और उसका भाई आपस में लड़ रहे थे। लड़ाई को लेकर म मी ने दोनों लोगों को खूब डांटा। इससे वह घर छोड़कर भाग गया।
बच्चे ने बताया कि वह पूरी रात यही रुक था। कुछ खाने के लिए रुपए तक नहीं थे उसके पास। टीम की समझाइश के बाद यह बच्चा अपने गांव वापस म मी-पापा के साथ जाने को तैयार हो गया।
मां की डांट के बाद बच्चे के घर से अचानक गायब होने के बाद से उसके परिवार के लोगों का बुरा हाल था। परिवार के लोग पूरे गंाव में तलाश कर लिया था। उसके परिवार के लोग अजयगढ़ बस स्टैंड भी बच्चे को तलाशन आए थे, लेनिक उसका कहीं पता नहीं चला था। दूसरे दिन भी चाइल्ड लाइन की टीम जब बच्चे के लेकर घर पहुंची तो उसके परविार के लोग उसकी तलश में निकलने वाले थे। बच्चे को देखते ही मां ने उसे अपने सीने से लगा लिया। बच्चे के पाकर मां की आखों से आंसू निकल आए।
बच्चे फूल की तरह कोमल होते हैं। माता-पिता को बच्चों के साथ बहुत ही मधुर संबंध रखने चाहिये।अभिभावकों को चाहिये की वे घर में खासकर बच्चों के सामने किसी भी प्रकार के लड़ाई-झगड़े नहीं करें। बच्चे अभिभावकों को दे ाकर ही सीखते हैं। अभिभावकों को बच्चों के व्यवहार में आने वाले बदलावों का भी ध्यान रखना चाहिये।
सुदीप श्रीवास्तव, सदस्य सीडब्ल्यूसी