बच्ची की तलाश में पुलिस रविवार को भी दिनभर जंगल की खाक छानती रही। इसके बाद भी सुराग नहीं लग पाया है। जानकारी के अनुसार ग्राम कुप्पाघाट निवानी रोशनी पारधी पिता दसीन पारधी (10) 2 जून को घर के पास धौवहा के जंगल में भोजन पकाने के लिए अकेले लकड़ी लेने गई थी, इसके बाद से घर नहीं लौटी। इस पर दादा-दादी ने गुमशुदगी की रिपोर्ट शाहनगर थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस मामले में गुम इंसान प्रकरण तैयार कर तलाश कर रही थी।
परिजनों ने जंगल में खोजा कंकाल परिजन उसकी खोज में जब रविवार को धौवहा के जंगल पहुंचे तो बच्ची की चुन्नी और चूडिय़ां उन्हें एक स्थान पर मिलने से पहचान पुख्त हो गई। जब आसपास खोजबीन की गई तो एक स्थान पर सिर की खोपड़ी और हड्डियां पड़ी मिलीं। इसके बाद मामले की जानकारी पुलिस को दी गई।
पुलिस मौके पर पहुंची और करीब 25 फीट में बिखरी हड्डियों को एक-एक कर समेटा। पुलिस के अनुसार बच्ची के कमर के नीचे के हिस्से का अभी तक पता नहीं चल पाया है। वन्य प्राणियों के शिकार की आशंका
पुलिस को आशंका है कि बच्ची जंगल के भूल-भुलैया में रास्ता भटक गई होगी। भीषण गर्मी ने उसे और परेशान किया होगा। आशंका जताई जा रही है कि जंगल में भटकी बच्ची किसी वन्य प्राणी का शिकार बन गई होगी। परिजनों का भी कहना है कि क्षेत्र में लगातार दो तेंदुए देखे जा रहे हैं।
कुछ दिन पूर्व ही गांव के एक व्यक्ति के बकरे का एक तेंदुए ने श्किार कर लिया था। परिजनों के अनुसार वन क्षेत्र सघन होने के कारण यहां वन्य प्राणियों की आमद अकसर बनी रहती है।
मौके का मुआयना करने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि बच्ची जंगल में रास्ता भटक गई होगी। इसी कारण से वह किसी वन्य प्राणी का शिकार बन गई होगी। बच्ची के मानसिक रूप से बीमार होने की भी बात सामने आई है।
एके श्रीवास्तव, थाना प्रभारी शाहनगर
सातवें दिन भी लापता बच्ची का नहीं लगा सुराग शाहनगर थाना क्षेत्र के ही ग्राम ताला निवासी चार वर्षीय बच्ची उपासना आदिवासी पिता मूलचंद्र आदिवासी बीते सात दिन से लापता है। पुलिस उसकी तलाश में लगातार जंगल की खाक छान रही है, लेकिन सातवें दिन भी उसके बारे में कोई जानकारी नहीं लग सकी। पुलिस की टीम रविवार को पूरे दिन आसपास के जंगलों में उसकी तलाश करती रही।
बच्ची के लापता होने के दिनों की संख्या बढऩे के साथ ही परिवार के लोगों की चिंताएं भी बढ़ती जा रही है। उन्हें बच्ची के साथ किसी प्रकार की अनहोनी का भी डर सताने लगा है। बारिश का सीजन शुरू हो जाने से पुलिस का सर्चिंग ऑपरेशन भी प्रभावित हो रहा है। पुलिस के साथ ही परिवार और गांव के लोग भी बच्ची की तलाश में लगे हैं।