शिकायत के सत्यापन के बाद किया ट्रैप
शिकायत के सत्यापन के लिए एसपी लोकायुक्त सागर के द्वारा एक डिजीटल व्हाइस रिकॉर्डर फरियादी को दिया गया। फरियादी से रिश्वत मांग संबंधी बातचीत को रिकॉर्ड करने के लिये कहा गया। 21 जुलाई 16 को फरियादी ने पुलिस चौकी ककरहटी में जाकर रिश्वत मांग संबंधी बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया। फरियादी ने बताया,बातचीत के दौरान आरोपी उदयभान शर्मा ने रिश्वत में 15 हजार रुपए की मांग की है। इसके बाद एसपी लोकायुक्त द्वारा ट्रेप की कार्रवाई करने का आदेश दिया गया। फरियादी द्वारा बतौर रिश्वत ली जाने वाली 15 हजार रुपए के नोटों पर पाउडर लगाकर फरियादी को पेंट की जेब में रखवाया गया और आवश्यक समझाइस दी गई। कार्यवाही के दौरान फरियादी ने बताया, रिश्वत का लेन-देन चौकी ककरहटी में होना है। 22 जुलाई 2016 को फरियादी मोहम्मद नईम ने आरोपी के शासकीय आवास चौकी ककरहटी पहुंचकर रिश्वत के 15 हजार रुपए देने के बाद और पूर्व निर्धारित इशारा किया। इसके बाद लोकायुक्त ट्रेप दल ने उक्त रुपए को जब्त कर आरोपी उदयभान शर्मा के विरुद्ध अपराध दर्ज कर प्रकरण को कोर्ट में पेश किया। मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश अनुराग द्विवेदी ने आरोपी उपनिरीक्षक व तत्कालीन ककरहटी चौकी प्रभारी को दोषी पाया। इसपर विशेष न्यायाधीश अनुराग द्विवेदी ने अभियुक्त उपनिरीक्षक उदयभान शर्मा पिता केवल प्रसाद शर्मा (59) ग्राम धरी थाना बैकुंठपुर तहसील सिरमौर जिला रीवा को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में 4 वर्ष का सश्रम कारावास और 5000 रुपए का अर्थदंड व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) डी सहपठित 13 (2) में 4 वर्ष का सश्रम कारावास व 5 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड जमा नहीं करने पर एक- एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास के दंड से दंडित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह ने की।