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जिले में लाखों खर्च के बाद भी नौ माह में प्रसव के दौरान 39 गर्भवती महिलाओं की हुई मौत, जानें क्या है मुख्य वजह

locationपन्नाPublished: Jan 14, 2020 10:50:14 pm

Submitted by:

Anil singh kushwah

लगातार प्रयास के बाद भी मौत के आंकड़ों में कमी नहीं

39 pregnant women died during childbirth in 9  months in the district

39 pregnant women died during childbirth in 9 months in the district

सीधी. गर्भवती महिलाओं की प्रसव के दौरान हो रही मौतों के आंकड़ों पर चिंता जाहिर करते हुए इस पर कमी लाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित करते हुए पानी की तरह पैसा भी बहाया जा रहा है, बावजूद इसके प्रसव के दौरान व प्रसव पूर्व हो रही गर्भवती महिलाओं की मौत में कमी नहीं आ रही है। जिले के आंकड़ों की बात करें तो विभिन्न कारणों से अप्रेल २०१९ से ३१ दिसंबर तक कुल 39 गर्भवती महिलाओं की मौत प्रसव के दौरान या प्रसव पूर्व हुई है। यानी प्रतिमाह करीब 4-5 की मौत हो रही है।
जांच की औपचारिकता मुख्य वजह
गर्भवती महिलाओं का गर्भधारण के बाद प्रसव तक चार जांच करना अनिवार्य किया गया है, जिसमें विभिन्न प्रकार के टीके लगाए जाते हैं, इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के लिए पोषण आहार व्यवस्था सहित स्वास्थ विभाग के माध्यम से विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित की गई हैं, लेकिन न तो गर्भवती महिलाओं की समय पर जांच हो पाती और न ही अन्य प्रकार की योजनाओं का लाभ ही मिल पाता है। इससे इनकी मौत का सिलसिला नहीं थम रहा है।
कलेक्टर ने जताई चिंता, दिए हैं कड़े निर्देश
जिले में मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में सुधार के लिए कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी द्वारा सतत निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रसूता और नवजात शिशु की लापरवाही के कारण मृत्यु नहीं होनी चाहिए। प्रत्येक होने वाली मृत्यु की गहन जांच की जाएगी। जांच में लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। आरसीएच पोर्टल पर गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं की इंट्री नहीं होने पर भी कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने संस्थागत प्रसव को शत-प्रतिशत करने, गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच एवं टीकाकरण करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही हाई रिश्क गर्भवती महिलाओं के चिन्हांकन करने के निर्देश दिए हैं, उन्होंने कहा कि ऐसी सभी महिलाओं का प्रसव जिला चिकित्सालय में कराएं।
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