यहां लोगों ने अपने-अपने घरों की बाड़ी में गांजा के पौधे लगा रखे हैं। इतना ही नहीं यहां से अन्य स्थानों के लिए गांजा की बिक्री भी की जा रही है। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने घरों को चिह्नित किया जहां गांजा के पौधे लहलहा रहे थे। मामले की जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दी गई।
एक साथ छापामार कार्रवाई एसपी ने कार्रवाई के लिए तीन टीमों का गठन किया। पहली टीम का नेतृत्व थाना प्रभारी अमानगंज राकेश तिवारी कर रहे थे। दूसरी टीम की कमान उप निरीक्षक मुकेश शर्मा के हाथ में थी, जबकि तीसरी टीम का नेतृत्व उप निरीक्षक सुनीता जाटव कर रही थीं। गांव पहुंचने के बाद तीनों टीमों ने एक साथ छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया।
कहां से कितना गांजा बरामद
कार्रवाई के दौरान भूपत आदिवासी पिता बारेलाल आदिवासी की बाड़ी में गांजा के 38 पौधे लहलहाते हुए मिले। इन पौधे को मौके से उखड़वाया गया, जिनका वजन करने पर 7 किलो 800 ग्राम निकला। गांजे की अनुमानित कीमत करीब 30 हजार रुपए आंकी गई। वहीं बिहारी आदिवासी पिता चुंटा आदिवासी के घर के सामने खेत में गांजा के दो पौधे लहलहाते मिले। ये पौधे काफी बड़े हो चुके थे।
कार्रवाई के दौरान भूपत आदिवासी पिता बारेलाल आदिवासी की बाड़ी में गांजा के 38 पौधे लहलहाते हुए मिले। इन पौधे को मौके से उखड़वाया गया, जिनका वजन करने पर 7 किलो 800 ग्राम निकला। गांजे की अनुमानित कीमत करीब 30 हजार रुपए आंकी गई। वहीं बिहारी आदिवासी पिता चुंटा आदिवासी के घर के सामने खेत में गांजा के दो पौधे लहलहाते मिले। ये पौधे काफी बड़े हो चुके थे।
7 किलो 350 ग्राम पाया इन दोनों पौधे को उखड़वाकर वजन करने पर 11 किलो 500 ग्राम निकला। अनुमानित कीमत करीब 45 हजार रुपए आंकी गई। इसी प्रकार हीरालाल आदिवासी पिता चुन्टा आदिवासी के मकान के पीछे बाड़ी में 31 गांजा के हरे पौधे लहलहाते मिले जिनका कुल वजन 7 किलो 350 ग्राम पाया गया।
अनुमानित कीमत 1.05 लाख रुपए उक्त गांजे की कीमत करीब 30 हजार रुपए आंकी गई। इस प्रकार से पुलिस के तीनों टीमों की कार्रवाई मेंं गांजा के कुल 71 पौधे जब्त किए गए। इनका वजन 26 किग्रा पाया गया। इनकी अनुमानित कीमत 1.05 लाख रुपए आंकी गई है। एसपी ने कार्रवाई में शामिल टीम को पुरस्कृत करने की बात कही गई है।