पवई क्षेत्र के बनौली स्थित कंकाली मंदिर परिसर में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 1 जून को सामूहिक विवाह सम्मेलन होना था, इसके लिए ढाई दर्जन नवयुवगलों ने पंजीयन कराया, लेकिन इसी बीच पंचायत चुनाव की आदर्श आचरण संहिता लागू हो गई, जिस कारण कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था।
कोविड के चलते दो वर्ष नहीं हुए सम्मेलन
दो साल तक कोरोना संक्रमण के कारण समूहिक विवाह सम्मेलनों का आयोजन नहीं हो सका था। इस साल सामूहिक विवाह सम्मेलन के लिए राशि बढ़ाकर 55 हजार तो कर दी गई, लेकिन पूरे जिले में एक भी आयोजन नहीं हो सके। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद जिला प्रशासन ने सामूहिक विवाह सम्मेलन की तिथि घोषित करने सहित अन्य तैयारियां शुरू की। बड़ी संख्या में नवयुगलों ने पंजीयन भी करा लिए, लेकिन पंचायत चुनाव की आचार संहिता लग जाने के कारण आयोजन स्थगित कर दिए गए।
विवाह के साथ मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा भी
भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी की अगुवाई में स्वामी परमानंद कमेटी के सदस्यों ने विवाह संबंधी सभी व्यवस्थाएं संभाली और 29 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया। कलेक्टर संजय शर्मा कुमार मिश्र सहित प्रशासन के अन्य आला अफसर भी मौजूद रहे। सभी ने नवदंपति को उपहार सामग्री भेंटकर अशीर्वाद दिया। विवाह के साथ मंदिर के जीर्णोद्धार व प्राणप्रतिष्ठा भी की गई। सुबह 10 बजे शुरू हुआ कार्यक्रम देर रात तक चला। इसमें हजारों लोग शामिल हुए।
वैवाहिक रस्मों के बीच कार्यक्रम रद्द
स्थानीय लोगों की मानें तो सम्मेलन स्थगित होने से पूर्व की विवाह रश्में शुरू हो चुकी थीं। वर-वधू को हल्दी-तेज चढ़ चुका था। रिश्तेदारों का आना भी शुरू हो चुका था। शादी के कार्ड बांट दिए गए थे। ऐसे में शादी समारोह कैसे टाल सकते थे, लेकिन सरकारी मदद न मिलने को लेकर चिंता हुई तो विधायक प्रहलाद लोधी से फरियाद की, जिस पर विधायक ने अपने स्तर पर कार्यक्रम कराने का निर्णय लिया।
सामूहिक विवाह सम्मेलन की प्रक्रिया जारी थी, तभी आचार संहिता प्रभावशील हुई है। हमने अभिमत मांगा, लेकिन न मिलने पर सामूहिक विवाह सम्मेलन स्थगित कर दिया था। कार्यक्रम में विभाग और जनपद का कोई लेना देना नहीं है। विधायक ने अपने स्तर पर कार्यक्रम किया होगा।
-अशोक चतुर्वेदी, प्रभारी सामाजिक न्याय विभाग
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मैं चुनाव थोड़ी लड़ रहा हूं: विधायक लोधी
आचार संहिता लगने से पूर्व ही नवयुगलों ने पंजीयन करा लिया था। विवाह की रश्में भी शुरू हो गई थीं। कार्यक्रम स्थगित हो जाने से परिजन परेशान थे। हमसे बोला तो कमेटी की मदद से कार्यक्रम कराया है। ताकि, गरीब परिवारों को परेशानी न हो। इसमें आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं हुआ। न ही किसी को लाभ पहुंचाने का उद्देश्य था। चुनाव में किसी को फायदा तो तब होता न जब चिह्न आवंटित हो जाते। वैसे भी कौन सा मुझे चुनाव लड़ना है।
प्रहलाद लोधी, विधायक पवई