नालियां बन गई हैं। जिनमें वाहन पडऩे के बाद बारिश के सीजन में बड़ी सं या में लोग गिर रहे हैं। आम जनता से जुड़ी इस समस्या को लेकर वकील राजेश दीक्षित द्वारा लोकोपयोगी लोक अदालत में मामले को रखा गया था। जिसमें कोर्ट ने सीएमओ से उक्त नालियों को ३ जुलाई से एक माह के अंदर भरने का शपथ पत्र ले लिया है।
अधिवक्ता राजेश दीक्षित ने बताया, गड्ढ़ों में मिट्टी डालने के बाद ठेकेदार द्वारा उसे छोड़ दिया गया था। जिससे पानी पछऩे पर मिट्टी धसक गई थी और पूरे नगर की सड़कों और गलियों में नालियां जैसी बन गई थी। जिनमें कई बार लोग गिर भी चुके थे। नियमानुसार ठेकेदार ने जहा से सीसी रोड खोदी थी वहां उसे सीसी रोड बनाना था और जहां से पेवर ब्लॉक निकाले थे वहां पेवर ब्लॉक लगाने थे। जबकि ऐसा नहीं किया।
जिसके कारण नगर में बड़ी संख्या में हादसे हो रहे थे। वाहनों के फिसलने से लोग सड़कों में गिर रहे थे। जिसको लेकर उन्होंने लोकोपयोगी लोक अदालत में 25 नवंबर 2017 को प्रकरण दर्ज कराया था। जिसकी बीते दिनों पेशी थी। जिसमें उन्होंने कोर्ट को बताया, नालीनुमा इन गड्ढ़ों के कारण पूरे नगर में हादसे हो रहे हैं। जिसपर कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए सीएमओ से गड्ढ़ों को तत्काल भरने और कोर्ट में व्यक्तिगत शपथ पत्र देने के लिये कहा गया था।
जिसपर सीमएओ अरुण पटैरिया द्वारा उक्त गड्ढों और नालियों को तीन जुलाई से एक माह के अंदर पूरा करने का शपथ पत्र कोर्ट को दिया गया है। जिसपर कोर्ट ने कहा, यदि निर्धारित सामय-सीमा में उक्त गड्ढे और नालियां नहीं भरे जाते हैं तो सीएमओं व्यक्तिश: जिम्मेदार होगे।