प्रदर्शनी के पहले दिन एनएमडीसी के वाणिज्य विभाग के अधिकारियों ने हीरोंका अवलोकन किया था। शुक्रवार को दूसरे दिन अडानी ग्रपु के प्रतिनिधियों ने हीरा का अवलोकन किया। शनिवार को तीसरे दिवस एसएस. माइनिंग एण्ड आदित्य बिडला गु्रप द्वारा हीरों का अवलोकन किया जाएगा। जबकि अंतिम दिन 13 अक्टूबर को बेदांता लिमिटिेड के दल द्वारा हीरों का अवलोकन एवं अध्ययन किया जाएगा।
प्रशासन छतरपुर जिले में लगने वाली हीरा खदान के लिए कंपनियों की खूब आवभगत कर रहा है, जबकि इससे प्रत्यक्ष रूप से पन्ना जिले को कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है। खनिज विभाग के अधिकारियों ने पूर्व में ही बता दिया है कि विभाग खजुराहो में डायमंड म्यूजियम बनाने जा रहा है। जहां एनएमडीसी, बंदर प्रोजेक्ट व पन्ना की उथली हीरा खदानों से मिलने वाले हीरों आधुनिक तरीके से डिस्प्ले करके नीलाम किया जाएगा। पन्ना वालों की चिंता यह है कि यदि बंदर प्रोजेक्ट शुरू होता है तो पन्ना को तो मिलेगा कुछ नहीं ऊपर से उथली हीरा खदानों की यहां होने वाली नीलामी में खजुराहो में होने लगेगी। हालांकि, उथली हीरा खदानों की नीलामी छिनने की स्थिति में यहां डायमंड पार्क की स्थापना की बात कही गई है, लेकिन इस दिशा में अभी तक सार्थक प्रयास होते नहीं दिख रहे हैं।