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अधिवक्ता संघ की हड़ताल से ठप रहा कोर्ट का कामकाज, पक्षकार रहे परेशान, पेशियों की बढ़ी डेट, जानिए पूरा मामल

locationपन्नाPublished: Feb 13, 2019 01:13:33 am

Submitted by:

Bajrangi rathore

अधिवक्ता संघ की हड़ताल से ठप रहा कोर्ट का कामकाज, पक्षकार रहे परेशान, पेशियों की बढ़ी डेट, जानिए पूरा मामल

Advocate Strike

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पन्ना। जिले की अमानगंज और देवेंद्रनगर तहसील में अधिवक्ताओं, वेंडरों और पक्षकारों के लिए पेयजल, बैठने के लिए छाया और प्रसाधन की सुविधा नहीं है। इससे लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसी तमाम समस्याओं को लेकर जिले के करीब 500 अधिवक्ता मंगलवार को काम से विरत रहे। इससे न्यायालयीन कामकाज गंभीर रूप से प्रभावित रहा।
अधिवक्ता संघ ने मांगों से संबंधित ज्ञापन कलेक्टर कलेक्टर, एसडीएम व तहसीलदारों को सौंपे। कलेक्टर को संबोधित जिला स्तरीय ज्ञापन में संघ की ओर से बताया गया कि अमानगंज और देवेंद्रनगर तहसील में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। ज्ञापन में उक्त समस्याओं का शीघ्र निराकरण की मांग की गई है।
कामकाज प्रभावित

हड़ताल के चलते अधिवक्ता न्यायालयीन काम से विरत रहे। इससे पक्षकारों के केसों की पेशियां आगे बढ़ गईं। अधिवक्ताओं के काम नहीं करने के कारण उन्हें परेशान होना पड़ा। अधिवक्ता भी फुर्सत के समय अपने-अपने पेंडिंग काम निपटाते रहे। इसके कारण अन्य दिनों की अपेक्षा जिला कोर्ट में चहल-पहल कम रही।
जिला मुख्यालय के अलावा तहसीलों में भी ज्ञापन सौंपे गए हैं। जिला मुख्यालय में ज्ञापन सौंपे जाने के अवसर पर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष जेके राव तैलंग सहित बड़ी संख्या में वकील शामिल रहे।
एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू की मांग

राज्य स्तरीय मांगों को लेकर सीएम को संबोधित ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा गया है। इसमें कहा गया कि अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए पूर्व में की गई घोषणाओं का अभी तक क्रियान्वयन नहीं किया गया है। मांग की गई है कि नए अधिवक्ताओं को बैठने की सुविधा और 25 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाए।
पांच लाख रुपए का मृत्यु दावा और बीमारी में पांच लाख तक की चिकित्सा सहायता का प्रावधान किया जाए। लाइब्रेरी और इ-लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। अधिवक्ता और परिवर का इंश्योरेंस एवं पेंशन सुविधा शुरू की जाए। एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को शीघ्र लागू किया जाए आदि मांगें शामिल है।
पीएम को संबोधित ज्ञापन सौंपा

अधिवक्ता संघ की ओर से पांच सूत्रीय मांगों से संबंधित प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा गया। इसमें जिन मांगों को प्रमुखता के साथ उठाया गया है उनमें महिला अधिवक्ताओं के लिए पृथक से बैठने और प्रसाधन की सुविधा। अधिवक्ता और पक्षकारों के लिए पांच करोड़ के बजट की व्यवस्था।
अधिवक्ता और परिवारों का इंश्योरेंस, नव अधिवक्ताओं को 5 साल तक 10 हजार रुपए प्रतिमाह स्टाय फंड की व्यवस्था की जाए। बीमारी एवं मृत्यु के बाद सहायता के लिए फंड उपलब्ध कराया जाए। अधिवक्ताओं को आवास निर्माण के लिए सस्ती दर पर जमीन उपलब्ध कराई जाए।
लीगल अथॉरिटी एक्ट में संशोधन कर संचालन अधिवक्ताओं के माध्यम से कराने और विभिन्न ट्रिव्यूनल, फोरम, कमीशन आदि में वकीलों की नियुक्त हो, इसके लिए जरूरी आवश्यक संशोधन किए जाएं।

अधिवक्ताओं को सस्ते दाम पर आवासीय जमीन उपलब्ध कराने की मांग
पवई मेंअधिवक्ताओं ने प्रधानमंत्री के नाम अपर सत्र न्यायाधीश राजेश रावतकर एवं सब डिवीजन मजिस्ट्रेट अभिषेक सिंह को 7 सूत्रीय मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। जिसमें लेख किया गया है कि संघ को भवन वकीलो को बैठने के पूर्ण सुविधामय, अधिवक्ताओं को प्रति माह दस हजार रुपए ट्रायफंड दिया जाए।
हरियाणा की तरह सस्ते दामों पर आवासीय जमीन, महिला अधिवक्ताओ के लिए अलग से शौचालय, किसी भी प्रकार से मृत्यु होने पर वित्तीय सहायता, लीगल सर्विस अथार्टी के तहत वकीलों को दायित्व सौंपे जाएं एवं रिटायर जजों की तरह अधिवक्ताओं को ट्रिव्यूनल कमीशन फोरम में सदस्य बहाल करें तथा केन्द्रीय बजट में अधिवक्ताओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए 5 हजार करोड़ का बजट प्रावधान की मांग की गई है।
ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से संघ के अध्यक्ष पुष्पेन्द्र लटोरिया, अरुण कुमार लटोरिया, रामेश्वर प्रसाद पटेल, शिवशंकर सिंह चौहान, पुण्य प्रताप सिंह, राजेन्द्र बढ़ौलिया, पीपी तिवारी, राजा राम सिंगरोल, राजेश नगायच, रामकृपाल यादव, विष्णु खरे, चाहना खान, करनलाल साहू आदि मौजूद रहे।
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