स्कूल में पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण स्कूल में शौचालय तक का उपयोग नहीं हो पा रहा है। बच्चों को प्रसाधन के लिए नदी या फिर घर जाना पड़ रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों के लापरवाही की सजा गरीब परिवारों से पढ़ाई करने आए बच्चों को भुगतनी पड़ रही है। उक्त स्कूलों के पास ही एक्सीलेंस प्राचार्य और बीईओ कार्यालय हैं। इसके बाद भी अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है।
गौरतलब है कि शाहनगर मुख्यालय स्थित कन्या मिडिल स्कूल परिसर में कन्या प्राइमरी और मिडिल स्कूल, प्राइमरी बालक शाला, संस्कृत शाला और आंगनबाड़ी संचालित हैं। इन शैक्षणिक संस्थानों में २२५ छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। पांच स्कूलों के बच्चों के उपयोग के लिए स्कूल परिसर में एक ही हैंडपंप लगा है। यह हैंडंपप महीनों से खराब है। इससे स्कूल के बच्चों और शिक्षकों दोनों के लिए स्कूल में पेयजल की व्यवस्था नहीं है।
स्कूल में पानी की समस्या को लेकर स्कूलों के हेडमास्टारों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा अधिकारियों को पत्र लिखकर बच्चों को होने वाली समस्या से अवगत कराया गया और बिगड़े पड़े हैंडपंप को शीघ्र सुधरवाने की मांग की थी। दो सौ से अधिक छोटे-छोटे बच्चों से जुड़ा बेहद गंभीर मामला होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी ने स्कूलों की इस समस्सा की ओर सुध नहीं ली।
शौच के लिए जाते हैं नदी स्कूल में पानी की व्यवस्था नहीं होने से स्कूल में बने शौचायलयों का उपयोग नहीं हो रहा है। स्कूल के टॉयलेट और यूरिनर गंदगी से चोक हैं और बदबू दे रहे हैं। स्टॉफ को स्कूल के पास से निकली नदी में जाना पड़ता है। इसी तरह से स्कूलों के छोटे-छोटे बच्चों को प्रसाधन के लिए घर भागना पड़ता है या फिर वे स्कूल से घर चले जाते हैं और फिर उसदिन लौटकर वापस स्कूल ही नहीं आते हैं।
इसी प्रकार स्कूल परिसर में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण बच्चों को अपने-अपने घर से बोतलों में भरकर पानी लाना पड़ रहा है। इससे उनके बैग का भार भी बढ़ जाता है। बच्चे और स्कूल स्टॉप शिक्षा सत्र शुरू होने के साथ ही पानी की समस्या से जूझ रहे हैं।
मध्याह्न भोजन प्रभावित स्कूल में पानी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण इन स्कूलों में एमडीएम की व्यवस्था प्रभावित है। पानी नहीं होने के कारण थाली धोने की समस्या के कारण कई छात्र-छात्राएं तो भेाजन ही नहीं करते हैं। जो भोजन करते भी हैं उन्हें थाली धोने के लिए मंदिर के पास बने हैंडपंप में बाउंड्री कूदकर जाना पड़ता है। एक बार पानी लेने के चक्कर में बाउंड्रीवॉल से गिरकर एक छात्रा घायल भी हो चुकी है।
…और यहां स्कूल में बच्चे लगा रहे झाडू़ ब्लॉक शाहनगर तहसील के ग्राम इमलिया के प्राथमिक शाला में स्कूल खुलने के बाद स्कूल की सफाई का काम भी बच्चों से ही करवाया जाता है। स्कूल के बच्चों ने बताया कि उन्हें कमरे की सफाई करने के लिए कुशवाहा सर ने बोला था। इस संबंध में संस्था प्राचार्य ने भी कोई जानकारी नहीं दी। जबकि स्कूलों में साफ-सफाई कराने की व्यवस्था संबंधित ग्राम पंचायत को करनी होती है। पंचायतों द्वारा अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं करने के कारण बच्चों को झाडू़ लगानी पड़ती है।
शाहनगर मुख्यालय के स्कूलों में पानी की इतनी बड़ी समस्या है यह तो मुझे मालूम ही नहीं था। मैं आज ही समस्या का समाधान कराता हूं। कल हैंडपंप सुधर जाएगा।
अभिषेक सिंह ठकुर , एसडीएम
अभिषेक सिंह ठकुर , एसडीएम
मेरे पास पानी की समस्या संबंधी आवेदन आया है। हैंडपंप को जल्द से जल्द सुधरवाने की व्यवस्था की जा रही है।
कमल सिंह , बीआरसीसी शाहनगर
कमल सिंह , बीआरसीसी शाहनगर