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राजस्व विभाग की जमीन पर तानी सैकड़ों अवैध झोपडिय़ां, खुद शासकीय कर्मचारी भी बना लिए हैं मकान

locationपन्नाPublished: Mar 11, 2019 02:11:19 am

Submitted by:

Bajrangi rathore

राजस्व विभाग की जमीन पर तानी सैकड़ों अवैध झोपडिय़ां, खुद शासकीय कर्मचारी भी बना लिए हैं मकान

atikraman in panna district

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पन्ना। मप्र के पन्ना जिला मुख्यालय में स्थित नवीन संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन के आसपास स्थित राजस्व विभाग की जमीन पर सैकड़ों की संख्या में अवैध अतिक्रमण जारी है। कुछ लोगों द्वारा पक्के मकान तैयार कराए जा रहे हैं तो कुछ द्वारा झोपड़ी तैयार की जा रही है। यहां करीब छह माह पूर्व एकबार अतिक्रमण हटाया जा चुका है। जिसमें करीब आधा सैकड़ा झोपड़ी और पत्थर की खखरी तोड़ी गई थी। अब ये फिर बन गई हैं।
अतिक्रमण के कारण पूरे क्षेत्र की हालत खराब हो रही है। नेताओं और अधिकारियों के विस चुनाव में व्यस्त रहने का फायदा उठाते हुए बड़ी संख्या में अतिक्रमण हो गए थे। अब एकबार फिर आदर्श चुनाव आचार संहिता लग गई है। इससे आगामी दिनों जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त और अतिक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं।
गौरतलब है कि जब से कोर्ट भवन बनने और कलेक्टे्रट के लिए भूमि के आरक्षण की प्रक्रिया शुरू हुई है तभी से पूरे क्षेत्र में सरकारी जमीन के अवैध खरीद फरोख्त और अतिक्रमण करने का सिलसिला जोरों से चल रहा है। कुछ मामलों में तो हालात यह है कि करीब एक दशक में एक ही प्लाट कई-कई बार बिक भी चुके हैं।
इस संबंध में प्रशासन का ध्यान कई बार इस ओर आकृष्ट कराया गया। इसके बाद भी जिम्मेदार लोगों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे क्षेत्र में हालात दिनों-दिन खराब होते जा रहे हैं।
शासकीय कर्मचारियों के भी बने हैं घर

बताया जाता है कि यहां कुछ सरकारी कर्मचारियों द्वारा भी अतिक्रमण करके घर बनवाए जा रहे हैं। वहीं कई लोगों द्वारा अतिक्रमण करने के बाद जमीनों को बेच दिया गया है। इसी हालत में झुग्गी बस्तियां भी बस रही हैं। बाद में उन्हें बेच दिया जाएगा। पहाड़ी के आसपास पूरे क्षेत्र में अतिक्रमण हो रहा है। बाइपास में सड़क के दूसरे ओर नाले में भी दर्जनों की संख्या में झोपड़ी बना ली गई हैं वहीं सैकड़ों की संख्या में मकानों की नींव डालकर उन्हें छोड़ दिया गया है।

आचार संहिता लगते ही बढ़ जाते हैं मामले

चुनाव आदर्श आचार संहिता लागू होने के साथ ही जिलेभर में अतिक्रमण के मामले बढ़ जाते हैं। दरअसल पूरा प्रशासन और नेता चुनाव कार्य में व्यस्त हो जाते हैं। इसी का फायदा इस अवैध अतिक्रमण करने और जमीन के अवैध रूप से खरीदी बिक्री में शामिल लोगों द्वारा उठाया जाता है।
विधानसभा चुनाव के दौरान भी इसी तरह कई अतिक्रमण रातोंरात कर लिये गए थे, जिन्हें बाद में नहीं हटाया जा सका है। अब एकबार फिर लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई है, इससे आगामी दिनों अतिक्रमण के और अधिक मामले सामने आ सकते हैं।
नपाध्यक्ष मोहनलाल कुशवाहा के अनुसार पहाड़ी का कुछ क्षेत्र वन और नगर पालिका क्षेत्र में आता है। यह सही है कि वहां अतिक्रमण हो रहे हैं। मैंने कलेक्टर से इस संबंध में बात की थी, फिर बात करुंगा। अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस और प्रशासन के सहयोग की जरूरत होती है। कई विभागों द्वारा साथ में काम नहीं करने के कारण बड़ी समस्या होती है।
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