यह गंभीर बीमारी मादा एडिज मच्छर के काटने से होती है। यह मच्छर साफ -पानी की ऊपरी सतह पर ठहराव कर लार्वा छोड़ता है। बीमारी के दौरान आंखों से खून आना, शरीर में लाल चकत्ते होना, तेज बुखार आना, पेट दर्द करना, उल्टी आना आदि लक्षण दिखाई देने पर आप घबराएं नहीं बल्कि स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्थित उपचार लें। बुखार आने पर पैरासिटामोल की गोली का सेवन किया जाना चाहिए।
डॉक्टर के परामर्श अनुसार संपूर्ण उपचार करें। संस्था में पदस्थ कमलेश प्रजापति एमटीएस ने बताया, डेंगू बीमारी से बचाव के लिए घरों के आसपास साफ -सफाई रखें। मच्छरदानी का उपयोग करें। टायर, ट्यूब में जमा पानी को साफ करें। टंकी की नियमित साफ-सफाई करें। ऐसे स्थान जहां पानी का ठहराव होता है वहां जला मोबाइल या केरोसिन का छिड़काव करें। शाम को नीम की पत्ती का धुआ करें।
मच्छर से बचाव के हर संभव तरीकों का उपयोग करें। कार्यशाला में डॉक्टर दुष्यंत पटेल, डॉक्टर श्वेता त्रिपाठी, अशोक सिंह सेंगर, बीई संध्या सिंह, बीपीएम अमोल मानके, सत्येंद्र, आशीष, प्रदीप, सुषमा गेडान, महेंद्र घोष सहित समस्त अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।