इसके बाद ट्रेन से उत्तर प्रदेश के अतर्रा पहुंची थी। यहां से महाराज के वाहन में इस प्रतिमा को लाया गया। कुछ वर्ष पूर्व चोर माता के सामने विराजित हंस को चोरी कर ले गए थे, जो बाद में पकड़े भी गए। फिलहाल देवी सरस्वती की यह प्रतिमा हंसविहीन है।
मुसद्दी छेदीलाल रजक ने बताया, देवी सरस्वती के मंदिर देशभर में बहुत ही कम पाए जाते हैं। यहां वसंतोत्सव पर पूजा-अर्चना के विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। मंदिर का झंडा बदला जाएगा। माता के वस्त्र बदले जाएंगे। हवन-पूजन होगा। इसके अलावा पूरे दिन देसी घी से बनी पूरी और खीर का प्रसाद वितरित किया जाएगा।
उन्होंने कहा, नगर के लोगों को इस आयोजन का सालभर इंतजार रहता है। बीते कई दिनों से तैयारियां की जा रही हैं। मंदिर को आकर्षक लाइटिंग से सजाया व संवारा जा रहा है। विद्या एवं बुद्धि की देवी माता सरस्वती का जन्मोत्सव वसंतोत्सव के रूप में रविवार को बनाया जाएगा।
इस अवसर पर स्कूलों-कॉलेजों में माता सरस्वती की पूजा-अर्चना और हवन आदि के कार्यक्रम होंगे। पवई के ग्राम बिरसिंहपुर स्थित सर्वेश्वरनाथ मंदिर में मेले का आयोजन किया जाएगा। इसमें पूजा-अर्चना के साथ विविध कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होगा।
पवई के सर्वेश्वरनाथ मंदिर में मेला आज से ग्राम बिरसिहपुर स्थित सर्वेश्वरनाथ मंदिर परिसर में वसंत पंचमी से मेला शुरू होगा। मेले का शुभारंभ पन्ना विधायक बृजेन्द्र प्रताप सिंह करेंगे। रावेन्द्र सिंह समिति प्रबंधक ने बताया कि पांच दिन तक अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। वॉलीबाल टूर्नामेंट और रामलीला भी होगा। कार्यक्रम में अधिकाधिक लोगों से शामिल होने की अपील की गई है।